जेएसएससी-सीजीएल: पुलिस ने दिखाई नरमी, हिरासत में लिए छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो को किया रिहा…..

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के बाद सड़कों पर आंदोलन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई. सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए कई छात्रों को हिरासत में लिया, जिनमें प्रमुख छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो भी शामिल थे. हालांकि, 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने सभी को रिहा कर दिया.

परीक्षा रद्द करने की मांग और छात्रों का आंदोलन

JSSC द्वारा आयोजित CGL परीक्षा को लेकर छात्रों ने गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों का कहना है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. इसको लेकर छात्र सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय का भी सहारा लिया है. छात्रों ने CGL परीक्षा में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए फिलहाल परीक्षा के परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है. इसे छात्रों की पहली जीत माना जा रहा है.

पुलिस कार्रवाई और हिरासत में छात्र नेता

सोमवार को आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई. लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए और प्रमुख छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो समेत कई छात्रों को हिरासत में ले लिया गया. इस दौरान पुलिस ने सख्त कार्रवाई का संकेत देते हुए उन्हें जेल भेजने की भी चर्चा की.

पुलिस की नरमी और रिहाई

हालांकि, मंगलवार को अचानक पुलिस का रुख नरम पड़ गया. कोर्ट में JSSC मामले की सुनवाई के बाद पुलिस ने हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को रिहा कर दिया. रिहा होने के बाद देवेंद्र महतो ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई लाठी-डंडों से रुकने वाली नहीं है और वे अंतिम सांस तक छात्रों के हक के लिए लड़ते रहेंगे.

छात्र नेता का आरोप और संकल्प

रिहा होने के बाद देवेंद्र महतो ने कहा, “हमारे आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हमें हिरासत में लिया. लेकिन हमारी लड़ाई थमने वाली नहीं है. झारखंड में नौकरी की खरीद-फरोख्त कब तक चलेगी? गरीब बच्चे कर्ज लेकर परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया जाता है. अगर इसके लिए फांसी पर भी चढ़ना पड़े, तो हम पीछे नहीं हटेंगे”.

छात्रों की शिकायत और प्रशासन की जिम्मेदारी

छात्रों का आरोप है कि झारखंड में सरकारी नौकरियों में लगातार धांधली हो रही है. उनकी मेहनत और सपनों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण गरीब और मेहनती छात्र प्रभावित हो रहे हैं. छात्रों का यह भी कहना है कि प्रशासन को इन गड़बड़ियों पर कड़ा कदम उठाना चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.

न्याय की उम्मीद और आंदोलन की ताकत

छात्रों को न्यायालय से उम्मीद है कि परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराई जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी. फिलहाल अदालत द्वारा परीक्षा परिणाम पर रोक लगाना छात्रों की जीत माना जा रहा है. दूसरी ओर, सड़क पर आंदोलनरत छात्र किसी भी हालत में अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

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