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जेपीएससी पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग पर आमरण अनशन पर बैठे सफल अभ्यर्थी..

रांची: जेपीएससी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में आज एक नया मोड़ आ गया, जब पीटी परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ अभ्यर्थी जेपीएससी कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ गए. गुलाम हुसैन नाम का यह अभ्यर्थी जेपीएससी पीटी परीक्षा में सफल हैं. इसके बाबजूद वह आयोग के कामकाज से खफा है. अनशन पर बैठे गुलाम हुसैन हाल के दिनों में आयोग द्वारा ओएमआर सीट नहीं मिलने के बाबजूद पीटी में पास किये जाने का खुलासा होने के बाद सशंकित है कि जेपीएससी मुख्य परीक्षा में भी गड़बड़ी होगी. गुलाम हसन ने कहा कि जेपीएससी पर अब बिल्कुल भरोसा नहीं रहा. यूपीएससी के द्वारा आगे की परीक्षा ली जाये. जेपीएससी परीक्षा कराने में अयोग्य है.

सड़क किनारे राष्ट्रीय ध्वज लगाकर जेपीएससी के सामने अनशन पर बैठे गुलाम हुसैन ने आगे कहा की जेपीएससी अध्यक्ष के गैर जिम्मेदाराना बयान, मुस्कुराते रहिए, निश्चिंत रहिए, सुनकर बेहद हताशा हुई. ऐसे महत्वपूर्ण पद पर बैठा आदमी ऐसी बातें कर रहा है, जबकि यहां इतनी धांधली हुई है. यह पूरी तरह जगजाहिर हो चुका. जहां 49 अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट तक गायब था फिर उन्हें किस आधार पर उतीर्ण घोषित किया गया, यह भी समझ से परे है. अपने आगे की रणनीति को बताते हुए हसन ने कहा अगर जेपीएससी ही आगामी परीक्षा लेगी तो वह उसमें शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जबतक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वे ऐसे ही जेपीएससी के समक्ष अनशन कर परीक्षा की तैयारी करते रहेंगे.

इधर छात्रों का आंदोलन मोरहाबादी स्थित बापू बाटिका में आज यानी सोमवार को भी जारी रहा. 15 दिसंबर को राज्यभर के छात्रों ने राजभवन के समक्ष धरना देने की घोषणा की है. झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं से दसवीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा राज्य के 1102 केन्द्रों पर 19 सितंबर को आयोजित की थी. पीटी परीक्षा के दो दिन बाद यानी 21 सितंबर को आयोग ने सवालों के उत्तर भी वेबसाइट पर जारी कर छात्रों से आपत्ति आमंत्रित की थी.

252 पदों के लिए आयोजित इस पीटी परीक्षा का आयोग ने 1 नवंबर को रिजल्ट जारी किया. आयोग द्वारा जारी रिजल्ट में एक ही सीरिज के लगातार रॉल नंबर वाले कई अभ्यर्थी सफल हो गए. उसके बाद रिजल्ट को लेकर जारी विवाद इस कदर बढ गया कि पुलिस को आंदोलनरत अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करनी पड़ी. आयोग ने इस संबंध में सफाई भी दी है. मगर छात्र इससे संतुष्ट नहीं हैं और इस परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं.