रांची: पनामा दौरे पर गए भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का एक दृश्य इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद ने वहां भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के एक मंदिर में पूजा-अर्चना में भाग लिया। इस gesture ने न सिर्फ धार्मिक सौहार्द की मिसाल पेश की, बल्कि सभी धर्मों के बीच आपसी सम्मान और एकता का भी संदेश दिया।
शशि थरूर ने इस मौके की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “मुस्लिम साथी सरफराज अहमद को मंदिर में अपने हिंदू और सिख साथियों के साथ शामिल होते देखना बहुत ही भावुक कर देने वाला अनुभव था।” उन्होंने सरफराज अहमद की खुले दिल से तारीफ की और इसे भारत की विविधता में एकता का उदाहरण बताया।
सरफराज अहमद ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब बुलाने वालों को कोई ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को क्यों होना चाहिए?” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा और धार्मिक सहिष्णुता की दिशा में एक सकारात्मक संदेश दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने पनामा में स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का भी दौरा किया, जहां भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की गई और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया गया। बताया जा रहा है कि यह दौरा पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और दुष्प्रचार के जवाब में भारत की वास्तविक छवि प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया गया।
सांसद सरफराज अहमद का यह कदम देशभर में सराहा जा रहा है। कई सामाजिक और राजनीतिक वर्गों ने इसे भारत की गंगा-जमुनी तहजीब की सुंदर मिसाल बताया है। वहीं, सोशल मीडिया पर आम लोग भी उनकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब देश में सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारे की आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही है। सरफराज अहमद का यह सहज और सादगीभरा कदम इस दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।