अपनी ही सरकार के खिलाफ राजभवन पहुंचीं JMM विधायक सीता सोरेन, कहा-अधिकारी नहीं सुनते..

सत्तारुढ़ दल झामुमो की जामा विधायक सीता सोरेन अपनी ही सरकार के खिलाफ शुक्रवार को राजभवन पहुंचीं। राज्यपाल से मुलाकात कर विधायक ने कई समस्याओं को लेकर उन्हें अवगत कराया और उचित कार्रवाई का आग्रह किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीता सोरेन ने कहा कि उनकी शिकायतों पर सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि चतरा के टंडवा प्रखंड अंतर्गत आरक्षित वन क्षेत्र में बिना अनुमति जंगल की कटाई और अवैध कोयला परिवहन पर तत्काल रोक लगाने की राज्यपाल से मांग की है। सीता सोरेन ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

वहीं मीडिया से बात करते हुए विधायक सीता सोरेन ने अपनी ही पार्टी के कुछ विधायकों द्वारा भाजपा के संपर्क में रहकर सरकार को अस्थिर करने के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वह भाजपा के संपर्क में नहीं हैं। राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब सीता सोरेन ने दावा किया कि झामुमो के जिन विधायकों ने उनपर आरोप लगाए हैं, वहीं चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली गए थे। हालांकि बार-बार पूछे जाने पर भी उन्होंने विधायकों के नाम नहीं बताएं। इतना कहा कि यह छिपने वाली बात भी नहीं है।

सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड विधानसभा में उनके सवालों का कोई सकारात्मक जवाब तक नहीं मिला। उन्‍होंने दावा किया कि कोई भी जांच कर ले। रांची से बहरागोड़ा तक जमीन लूट का पता चल जाएगा। सीसीएल के आम्रपाली परियोजना के तहत शिवपुर रेलवे साइडिंग में आरकेटीसी और बीएलए कंपनी ने डेढ़ किलोमीटर वन भूमि का अतिक्रमण किया है। इसकी जानकारी सरकार को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सीता सोरेन ने झामुमो के विधायकों पर निशाना साधा। कहा कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई झामुमो ने लड़ी। हमारे विधायक इसकी बातें करते हैं, लेकिन जब बोलने की बारी आती है तो मुकर जाते हैं। शिबू सोरेन और दुर्गा सोरेन की राह पर चल रही हूं। हम निराश हैं कि जनता की उम्मीद टूट रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की वन भूमि खतरे में है। भ्रष्ट पदाधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

इधर झामुमो के विधायकों द्वारा सीता सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम की शिकायतों और उसके बाद तेज हुई गतिविधियों पर झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य विनोद पांडेय ने कहा कि पार्टी के संज्ञान में सारी चीजें आई हैं। झामुमो अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष अभी बाहर हैं। उनकी वापसी पर इन बातों पर गंभीरतापूर्वक विचार होगा। पार्टी अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष के निर्देश पर पार्टी फैसला करेगी। झामुमो सहित गठबंधन दलों के सारे विधायक एकजुट हैं।

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