रांची: इस बार झारखंड में कांग्रेस की प्रेशर पॉलिटिक्स राज्यसभा चुनाव में बेअसर रही। पिछले एक माह से गठबंधन दल से गठबंधन धर्म की विनती कर रही कांग्रेस के हाथ आखिरकार खाली ही रह गए। जेएमएम से मंगलवार को महुआ माजी ने राज्यसभा के उम्मीदवार तौर नामांकन दाखिल किया हालाकिं इस दौरान कॉग्रेस के कोई नेता मौजूद नहीं रहे। इससे सत्ताधारी गठबंधन में खटास तो बढ़ी थी लेकिन कोई रिस्क लेने से बचने के प्रयास में दिख रही कांग्रेस ने चुप्पी साधने में ही भलाई समझी। बता दें की मंगलवार को एक तरफ जहां महुआ माजी ने राज्यसभा के उम्मीदवार तौर नामांकन दाखिल किया वहीं कांग्रेस मुख्यालय में पूरे दिन हाई प्रोफाइल ड्रामा चला और अंत में नतीजा फुस्स निकला। कई कांग्रेस विधायकों ने एक-एक कर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय से बात करने के बाद दावा किया कि उन्होंने समर्थन वापसी अथवा सरकार को बाहर से समर्थन देने की बात कही है, लेकिन शाम में प्रभारी अविनाश पांडेय ने ऐसी सूचनाओं से इन्कार कर दिया। अविनाश पांडेय ने विधायकों की नाराजगी की बात को दरकिनार करते हुए साफ कहा कि हमारे पास राज्यसभा चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है, इसलिए हमारा उम्मीदवार नहीं है। इसके बाद विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें गठबंधन सरकार के लिए जनता का आदेश मिला है और इस चुनाव का असर सरकार पर नहीं पड़ेगा।
बता दें की मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के झारखंड पहुंचने के साथ ही कांग्रेस नेताओं ने रोष प्रकट करना शुरू कर दिया। शुरुआत विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने की और कहा कि यह हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का अपमान है। उनके साथ पूर्णिमा नीरज सिंह ने झामुमो पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाकर मामले को गर्म रखा। महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत आदि ने भी ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इसके बाद पहले से निर्धारित विधायक दल की बैठक को टालकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने एक-एक कर विधायकों से बात की। माना जा रहा है कि इस दौरान अधिसंख्य विधायकों ने सरकार से समर्थन वापसी अथवा सरकार से बाहर निकलने की बात कही। हालांकि उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके पूर्व मंगलवार को दिन के 10:30 बजे से विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी लेकिन बागी रुख को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने विधायकों से एक-एक कर बात करने का निर्णय लिया। दोपहर 12 बजे के बाद शुरू हुआ सिलसिला शाम चार बजे तक चला। पहले से तय समन्वय समिति की बैठक भी इसके बाद हुई जिसमें पार्टी के आगे के कार्यक्रमों को लेकर बात हुई।
हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है : अविनाश पांडेय
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। इसलिए हमने उम्मीदवार नहीं दिया है। हमारे किसी विधायक ने इस मुद्दे पर कोई नाराजगी नहीं जताई है। अविनाश पांडेय, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी।
कांग्रेस किसी के आगे झुकने वाली पार्टी नहीं..
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि राज्यसभा का चुनाव सरकार से अलग है। चुनाव का नतीजा भी सबके सामने है। हमें 2019 में जनता ने गठबंधन की सरकार के लिए सत्ता सौंपी थी। उसे दरकिनार नहीं कर सकते। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कोई भी अगर कहता है कि कांग्रेस नतमस्तक नतमस्तक हो गई तो यह जान ले कि निश्चित रूप से हम झारखंड की जनता के लिए नतमस्तक हो सकते हैं। कांग्रेस किसी दल के आगे नतमस्तक होने वाली पार्टी नहीं है।