झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा में हलचल मच गई है. चंपाई सोरेन के पार्टी छोड़ने से JMM को बड़ा झटका लगा है, और अब पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है. इस मुद्दे पर चर्चा और आगे की रणनीति बनाने के लिए JMM ने 5 सितंबर को सरायकेला टाउन हॉल में एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के कोल्हान प्रमंडल के सभी बड़े नेता शामिल होंगे.
सरायकेला विधानसभा में बड़े नेता को उतारने की तैयारी
JMM के लिए सरायकेला विधानसभा हमेशा से एक मजबूत गढ़ रहा है. चंपाई सोरेन 2005 से यहां लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे. लेकिन अब उनके बीजेपी में जाने के बाद JMM के सामने चुनौती खड़ी हो गई है कि अगले विधानसभा चुनाव में किसे मैदान में उतारा जाए. पार्टी के अंदर इस बात पर चर्चा तेज है कि सरायकेला से JMM का प्रत्याशी कौन होगा. पार्टी की रणनीति है कि सरायकेला विधानसभा से किसी हैवीवेट नेता को उतारकर कोल्हान क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत किया जाए.
5 सितंबर की बैठक में होगी गहन चर्चा
5 सितंबर को होने वाली बैठक में सरायकेला विधानसभा को लेकर गहन विचार-विमर्श होगा. JMM के जिलाध्यक्ष डॉ. शुभेंदु महतो ने बताया कि इस बैठक में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे, जिनमें मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री रामदास सोरेन, सांसद जोबा मांझी, विधायक दशरथ गागराई, सविता महतो, निरल पूर्ति, मंगल कालिंदी, संजीव सरदार, और समीर मोहंती शामिल हैं. इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. बैठक में सांगठनिक स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं, ताकि बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत किया जा सके और विधानसभा चुनाव की तैयारी को पुख्ता किया जा सके. बैठक में पार्टी के केंद्रीय समिति के सदस्य, जिला कमेटी के पदाधिकारी, वर्ग संगठन के सदस्य, और सरायकेला विधानसभा के गम्हरिया, राजनगर एवं सरायकेला प्रखंड के पदाधिकारी भी शामिल होंगे.
JMM के लिए सरायकेला विधानसभा का महत्व
सरायकेला विधानसभा झारखंड मुक्ति मोर्चा का लंबे समय से मजबूत गढ़ रहा है. चंपाई सोरेन की लगातार जीत से यहां JMM की पकड़ मजबूत रही है. लेकिन उनके बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अब JMM इस स्थिति को संभालने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गई है और 5 सितंबर की बैठक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. पार्टी के कई नेता मानते हैं कि इस बैठक में सरायकेला से अगले चुनाव में उतारे जाने वाले प्रत्याशी को लेकर भी कुछ संकेत मिल सकते हैं.
आगे की रणनीति पर रहेगी नजर
चंपाई सोरेन के पार्टी छोड़ने के बाद JMM की यह पहली बड़ी बैठक होगी, इसलिए इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. पार्टी की कोशिश है कि इस बैठक के जरिए अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया जाए और संगठन को एकजुट रखा जाए. JMM की रणनीति है कि वह अपने संगठन को बूथ स्तर पर सशक्त बनाकर चुनावी मैदान में उतरेगी और अपने मजबूत गढ़ को फिर से हासिल करेगी.