रांची के सोहराय भवन में होने वाली सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय समिति की विस्तारित बैठक सात अक्टूबर को बुलाई गयी है। इस बैठक में राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों और भविष्य की चुनौतियों से निपटने पर चर्चा की जाएगी। साथ ही इस बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल को लेकर भी विचार विमर्श होगा। वहीं बैठक में सदस्यता अभियान को गति देने की रणनीति भी बनाई जाएगी। जिसके लिए केंद्रीय समिति के सदस्यों के अलावा जिलाध्यक्षों, प्रखंड अध्यक्षों, जिला सचिवों और प्रखंड सचिवों को भी बैठक में उपस्थित रहेंगे।
पदाधिकारियों को कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी..
झामुमो की केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने बैठक को लेकर केंद्रीय समिति सदस्यों को पत्र जारी कर दिया है। वहीं केंद्रीय समिति के सभी सदस्यों, जिला अध्यक्षों एवं जिला सचिवों से उनकी बकाया केंद्रीय अंशदान की राशि भी बैठक में अपने साथ लेकर आने का आग्रह किया गया है। साथ ही सभी पदाधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि बैठक में प्रखंड अध्यक्ष और प्रखंड सचिव की उपस्थिति अवश्य रूप से हो। बता दें कि पदाधिकारियों को ही इस कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
शिबू सोरेन करेंगे अध्यक्षता..
बता दें कि बैठक की अध्यक्ष झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन करेंगे। वहीं कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अपनी सरकार के कुल एक हजार दिन से ज्यादा की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने का निर्देश कार्यकर्ताओं को देंगे। साथ ही बता दें कि हेमंत सरकार अपने समर्थकों तक यह बात पहुंचाना चाहती है कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में जो मुद्दे उठाए थे उस पर सरकार ने बड़ी तत्परता के साथ काम किया है। वहीं मीडिया सूत्रों के अनुसार साल 1932 के खतियान के मुताबिक स्थानीयता नीति, ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने, किसानों का ऋण माफ करने, सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने समेत अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू करने की दिशा में सरकार ने काम किया है।