JJMP सबजोनल कमांडर भवानी ने हथियार के साथ किया सरेंडर..

झारखंड सरकार के पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति व पलामू पुलिस के अथक प्रयास के बाद प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी का सब जोनल कमांडर भवानी भुइयां उर्फ भागीरथी राम ने रविवार को डीआइजी, डीसी व एसपी के समक्ष इंसास राइफल के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की पूछताछ में उग्रवादी ने बताया कि अशिक्षा और बेरोजगारी के कारण प्रतिबंधित संगठनों के बहकावे में आकर उसने हथियार उठा लिया। उग्रवादी पर अलग-अलग धाराओं में 6 मामले दर्ज हैं। इसमें अपहरण करने से लेकर लेवी वसूली करने जैसे अपराध शामिल हैं। यह उग्रवादी पलामू, गढ़वा व लातेहार जिले में आतंक का पर्याय बना हुआ था।

दस्ते के लोगों के नाम बताए..
पलामू जिले के रामगढ़ थाने के हुटार टोला उडरीटांड़ के रहने वाले भवानी ने पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। भवानी ने बताया कि वह पढ़ा लिखा नहीं है। पिता की मौत बचपन में ही हो गई। लिहाजा परिवार चलाने के लिए वह तृतीय प्रस्तुतीकरण समिति के रौशन जी से संपर्क में आया। वह 2016 में वह संगठन का हिस्सा बन गया। पुलिस की ओर से संगठन के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाई को देखते हुए वह TPC को छोड़कर JJMP से जुड़ गया। इस दौरान उसने सूरज जी उर्फ आकाश जी,सुशील उरांव के साथ काम किया। छुट्‌टी पर घर आने के बाद पुलिस ने इसे एक बार गिरफ्तार कर लिया।

कुछ दिन जेल में रहने बाद वह रोजगार की तलाश में बेंगलुरु चला गया। वापस लौटने के बाद पुलिस ने आर्म्स एक्ट के मामले में इसे फिर जेल भेज दिया। करीब 8 माह बाद वर्ष 2020 में जब यह जेल से बाहर निकला तो फिर दोबारा संगठन में शामिल हो गया। जुलाई 2020 से संगठन में सब जोनल कमांडर महेश भुईयां के नेतृत्व में एरिया कमांडर गढ़वा के रूप में काम करना शुरू किया। इनके दस्ता में अनिल भुईयां उर्फ जयप्रकाश जी, संजय लोहरा, विजय भुईयां, उदय पासवान, माला उरांव,विशाल चौधरी, अमरेश सिंह उर्फ बूटन शामिल थे।

यह सभी लोग लेवी वसूली के लिए लोगों का अपहरण करने से लेकर मारपीट करने तक के अपराध को अंजाम देते थे। इस बीच संगठन की कार्रवाई के खिलाफ पुलिस ने अपना अभियान तेज कर दिया। इसके कई रिश्तेदारों से पूछताछ की गई। पुलिस ने घर पर छापा मारा। लिहाजा उग्रवादी ने सब कुछ छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का निर्णय लिया। इंसास राइफल सहित अन्य सामानों के साथ पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया।

इस अवसर पर पलामू प्रक्षेत्र के डीआइजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी अच्छी है। इससे नक्सली व उग्रवादी प्रभावित हो रहे है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार सभी घोषित सुविधाएं मुहैया करा रही रही हैं। डीआईजी ने कहा की सरकार द्वारा घोषित आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के लाभ को भवानी भुइयां तक पहुंचाया जाएगा। आत्मसमर्पण की औपचारिक घोषणा रविवार को पलामू के एसपी कार्यालय कक्ष में आयोजित समारोह में की गई। सरकार के आत्मसमपर्ण एवं पुनर्वास नीति के तहत पलामू के डीआइजी राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त शशिरंजन व एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से उसे एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया। शाल ओढ़ाकर व एक ब्रिफकेस देकर स्वागत किया।

वहीं पलामू के उपायुक्त ने कहा कि समाज से भटके लोग मुख्य धारा में जुड़े। उन्हें सरकार का आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सभी सुविधा मिलेगी। एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस की जारी छापेमारी अभियान व इसके कई साथियों की हुई मौत के बाद इसका हौसला पस्त था। यह सरकार की आत्मसर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्म समर्पण किया है। मौके पर डीएसपी के विजय शंकर मौजूद थे।

आत्मसमर्पण के साथ हथियार किया पुलिस के हवाले..
उग्रवादी भवानी ने एक इंसास राईफल, तीन मैगजीन, 83 गोली, एक एचई 36 ग्रेनेड, कैंपिग इक्यूपमेंट, जेजेएमपी लेटरहेड व गोली रखने के दो पाउच पुलिस को हवाले किया है।

यह मिलेंगी सुविधाएं..
झारखंड सरकार की ओर से तय नीति के अनुसार उग्रवादी को आवास निर्माण के लिए जमीन एवं राशि भविष्य में रोजगार हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण पुत्र एवं पुत्रियों को स्नातक स्तर तक शिक्षा व्यवस्था एवं सरकारी बैंकों से स्वनियोजित हेतु लोन एवं स्वयं के तथा आश्रितों के जीवन बीमा हेतु प्रीमियम इत्यादि की सुविधा मिलेगी ।

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