76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य परेड में झारखंड की झांकी ने न केवल राज्य की समृद्ध विरासत और संस्कृति का परिचय दिया, बल्कि उद्योगपति रतन टाटा को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। झारखंड की झांकी ने राज्य की विविधता, विकास और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया, और इसमें रतन टाटा का योगदान भी महत्वपूर्ण रूप से प्रदर्शित किया गया।
रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हुआ था। उनके निधन के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का निर्णय लिया, खासतौर पर उनके झारखंड के सबसे बड़े उद्योग, टाटा स्टील से जुड़ा योगदान। झांकी में झारखंड के ऐतिहासिक और आधुनिक विकास की झलक दिखाई गई, जिसमें उद्योगों, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक कला का सम्मिलन था।
झांकी में टाटा स्टील की स्थापना, राज्य के औद्योगिक विकास में उसका योगदान और रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप की सफलता को भी प्रदर्शित किया गया। रतन टाटा का झारखंड से गहरा संबंध रहा है, और उनकी पहल पर राज्य के विकास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।
इसके अलावा, झांकी में राज्य की पारंपरिक नृत्य कला, महिला सशक्तिकरण, और शिक्षा के क्षेत्र में नारी शक्ति की प्रगति को भी प्रमुखता से दिखाया गया। महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में झारखंड की महिलाएं झांकी में शामिल थीं, जो राज्य में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती हैं।
झारखंड की यह झांकी न केवल राज्य के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करती है, बल्कि रतन टाटा के प्रति श्रद्धांजलि का अद्भुत रूप भी प्रस्तुत करती है। इस विशेष झांकी ने दर्शकों को राज्य के समृद्ध इतिहास और रतन टाटा के योगदान को याद दिलाया।