हजारीबाग में बन रहा झारखंड का पहला हाई सिक्योरिटी जेल, गृह सचिव ने किया निरीक्षण

हजारीबाग: झारखंड में पहली बार एक अत्याधुनिक हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण हजारीबाग में किया जा रहा है। शुक्रवार को झारखंड की गृह सचिव वंदना दादेल ने इस निर्माणाधीन जेल का निरीक्षण किया और वहां चल रहे कार्यों का विस्तृत जायजा लिया। उनके साथ कारा महानिरीक्षक सुदर्शन मंडल, उपायुक्त नैंसी सहाय, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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निरीक्षण के दौरान गृह सचिव वंदना दादेल ने जेल परिसर का भ्रमण किया और निर्माण कार्य में जुटे अधिकारियों से जेल की संरचना और सुरक्षा उपायों की जानकारी ली। उन्होंने निर्माण में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

यह हाई सिक्योरिटी जेल हार्डकोर उग्रवादियों और अपराधियों के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां उन पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इस जेल में कैदियों की सुरक्षा और नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान किए गए हैं। जैसे कि कैदियों के सेल में बिजली का पॉइंट नहीं होगा, जिससे किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।

यह जेल कुल 18.20 एकड़ भूमि में निर्मित किया जा रहा है, जिसमें कुल 280 कैदियों को रखने की क्षमता होगी। इसमें सेल, बाउंड्री वॉल, कार्यालय, अस्पताल, अधीक्षक और कारापालों के आवास, वार्ड, पाकशाला, वॉच टावर, ड्रेनेज सिस्टम, अंदर और बाहर के रास्ते, अग्निशमन व्यवस्था, वर्षा जल संचयन प्रणाली और बाह्य विद्युतीकरण जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस जेल की निर्माण लागत करीब 87.66 करोड़ रुपये आंकी गई है।

हाई सिक्योरिटी जेल का निरीक्षण करने के बाद गृह सचिव वंदना दादेल ने हजारीबाग स्थित झारखंड खुला जेल सह पुनर्वास केंद्र का भी दौरा किया। उन्होंने वहां कैदियों से संवाद कर उन्हें दी जा रही सुविधाओं का आकलन किया। कैदियों ने गृह सचिव से जेल के भीतर कौशल विकास और रोजगार परक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जिससे वे सजा पूरी होने के बाद समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।

गृह सचिव ने कैदियों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए उन्हें शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार उनके पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

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