विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के किसानों को मिली अलग पहचान..

रांची : मुख्‍यमंत्री हेमंत साेरेन ने आज विश्‍व आदिवासी दिवस पर प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में आयोजित समारोह में सांकेतिक रूप से किसानों को केसीसी और पशुधन योजना से जुड़ी परिसंपत्तियों का वितरण किया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री बादल, विधायक बंधु तिर्की और समरी लाल भी उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा करते हुए कहा की झारखंड में अब किसानों को नए नाम से जाना जाएगा। यहां अब किसानों और खेतिहर मजदूरों व खेती से जुड़े सभी लोगों को- ‘बिरसा किसान’ के नाम से जाना जाएगा।

उन्होंने कहा कि झारखंड के किसान का इतिहास अन्य राज्यों से अलग हैं। हमारे पूर्वज इस राज्य के जल, जंगल जमीन को बचाने का संघर्ष उस समय से कर रहे हैं, जब लोगों ने इसका सपना भी नहीं देखा था। आजादी की लड़ाई से पहले से हमारे पूर्वज इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। सीएम ने कहा की ‘यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमें अंडा दूसरे राज्यों से इंपोर्ट करना पड़ता है। जबकि यह हमारी पारंपरिक व्यवस्थाएं है। गांव में गाय, बकरी, मुर्गी, सुअर के साथ नीम, बेर, महुआ और मुनगा का पेड़ भी होना चाहिए। यही हमारी पूंजी थी, लेकिन ये कहां गायब हो गई ये हम समझ ही नहीं पा रहे हैं।’

इससे पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि कभी किसी सरकार ने किसानों के दुख दर्द को नहीं समझा। हमेशा उन्हें वोट बैंक समझा। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने शपथ लेते ही ऋण माफी की। कोरोना काल में दो हजार करोड़ रुपये ऋण माफी के लिए दिए। जब किसानों को उसकी जरूरत थी। यही नहीं जिनका भी ऋण माफ किया गया। उन्हें एक और मौका दिया गया।

वहीं कृषि सचिव ने कहा कि सरकार किसानों को पूंजी के अभाव से बचाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर फोकस कर रही है। इससे जहां किसानों को कम ब्याज दर पर बैंकों से कार्यशील पूंजी मिलेगी, वहीं किसान साहूकारों के कर्ज के जाल में भी नहीं फंसेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अप्रैल से अभी तक किसानों से केसीसी के लिए 6,86,661 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 1,39,434 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। शेष की स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है।

इससे पहले विश्व आदि‌वासी दिवस पर झारखंड के 2 लाख किसानों के बीच 734 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया। इसमें 587 करोड़ का KCC किसानों को दिया जाएगा। इसके अलावा 147 करोड़ रुपए से पशुधन विकास योजना के माध्यम से किसानों को दुधारु गाय, बकरी, सुकर, मुप्हा बत्तख आदि खरीदने के लिए 100% तक अनुदान दिया जाएगा।