झारखंड की बेटी और भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे को उनके खेल में उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित ‘अर्जुन पुरस्कार 2024’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में सलीमा टेटे सहित देश के 32 खिलाड़ियों को यह सम्मान प्रदान किया।
सिमडेगा जिले के बड़की छापर गांव की रहने वाली सलीमा टेटे का जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी है। बचपन में अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करने वाली सलीमा ने अपने जुनून और मेहनत से भारतीय हॉकी में अपनी जगह बनाई।
कठिनाइयों से सफलता तक का सफर
सलीमा का बचपन आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के बीच गुजरा। उनके परिवार की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें खेल के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाना भी कठिन था। लेकिन सलीमा की लगन और दृढ़ संकल्प ने उनके रास्ते की हर बाधा को पार कर दिया। उन्होंने शुरुआती दिनों में गांव में ही हॉकी खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
झारखंड में खुशी की लहर
सलीमा को अर्जुन पुरस्कार मिलने की खबर से झारखंड में खेल प्रेमियों और उनके प्रशंसकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। उनके संघर्ष और उपलब्धियों ने राज्य के युवाओं को प्रेरित किया है। झारखंड के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री ने भी सलीमा को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
सलीमा का संदेश
अर्जुन पुरस्कार मिलने के बाद सलीमा ने अपने प्रशंसकों और समर्थकों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार मेरे संघर्ष और मेहनत का फल है। मैं इसे अपने गांव, राज्य और देश को समर्पित करती हूं। मेरा सपना है कि मैं भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर ले जाऊं और देश को गौरवान्वित करूं।”
सलीमा टेटे ने अपने अद्भुत प्रदर्शन और नेतृत्व क्षमता से न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।