रांची: झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को गांवों में जाकर इंटर्नशिप करनी होगी। इस इंटर्नशिप के बदले उन्हें दो किस्तों में कुल 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में झारखंड ग्रासरूट्स इनोवेशन इंटर्नशिप योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत हर वर्ष 17,380 छात्र-छात्राओं को आठ सप्ताह की सामाजिक ज्ञान आधारित ट्रेनिंग दी जाएगी। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर के नवाचारों की पहचान, पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण और स्थानीय जरूरतों को समझना है।
राज्य की 4345 पंचायतों में यह योजना लागू की जाएगी। इंटर्नशिप के दौरान चार छात्रों का एक समूह बनाकर पंचायत स्तर पर कार्य किया जाएगा। प्रशिक्षण शैक्षणिक कैलेंडर के ग्रीष्मावकाश के दौरान संपन्न होगा।
राज्य सरकार के अनुसार, इस योजना से न केवल छात्रों को वास्तविक सामाजिक परिस्थितियों को समझने का अवसर मिलेगा, बल्कि ग्रामीण विकास में भी योगदान सुनिश्चित होगा।
शिक्षक नियुक्ति में बड़ा बदलाव
कैबिनेट बैठक में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने हाई स्कूल और प्लस टू स्कूलों में टीजीटी (स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक) और पीजीटी (स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक) पदों को समाप्त कर दिया है। अब इनकी जगह माध्यमिक आचार्य की नियुक्ति होगी।
इस निर्णय के तहत 8900 टीजीटी-पीजीटी पदों को समाप्त कर 1373 माध्यमिक सहायक आचार्य पदों का सृजन किया गया है। ये नियुक्तियां राज्य के 510 प्लस टू स्कूलों में की जाएंगी। हालांकि, इनका वेतनमान पहले से कम होगा। माध्यमिक आचार्य को सातवें वेतनमान के लेवल-6 में 35,400 से 1,12,400 रुपये तक वेतन मिलेगा, जबकि पूर्व में टीजीटी और पीजीटी को उच्च वेतनमान मिलता था। सरकार के इन निर्णयों से राज्य में शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नई दिशा मिलने की उम्मीद की जा रही है।