सिर्फ पढ़ाएंगे, बीएलओ ड्यूटी नहीं करेंगे झारखंड के शिक्षक..

झारखंड के सरकारी स्कूलों के कोई शिक्षक बीएलओ (बूथ लेबल ऑफिसर) नहीं बनेंगे। पांच जनवरी 2023 के बाद से उन्हें बीएलओ के काम से मुक्त कर दिया जाएगा। शिक्षक केवल स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे और सिर्फ चुनावों के दौरान मतदान-मतगणना प्रक्रिया में शामिल होंगे। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इसका निर्णय ले लिया है। सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को इसके निर्देश जारी कर दिये गये हैं। बता दें की राज्य के प्रारंभिक से लेकर हाई स्कूल तक के सहायक शिक्षक और सहायक अध्यापक (पारा शिक्षकों) को बीएलओ बनाया जाता है। ये साल भर में कई चरणों में वोटर लिस्ट में नया नाम जोड़ने, जिनका निधन हो चुका है या दूसरे जगह पर कार्ड बनवा लिये हैं उनका नाम काटने, रंगीन फोटो देने, पता सुधारने, वोटर कार्ड से आधार को लिंक करने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा प्लस टू स्कूलों-कॉलेजों में कैंप लगाने, लोगों को जागरुक करने, घर-घर पर्ची बांटने तक का काम करते हैं। इससे स्कूलों भी पढ़ाई प्रभावित होती है। वैसे स्कूल जहां एक या दो शिक्षक ही कार्यरत हैं वहां उनके बीएलओ बनने पर स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाती। जो शिक्षक स्कूल में पढ़ाते हैं तो उन्हें स्कूल अवधि से पहले या बाद में बीएलओ का कार्य करना होता है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी साल भर में निर्वाचन आयोग की ओर लगने वाले कैंपों में होती है। कैंप बूथों में निर्धारित समय पर लगते हैं, जिससे कई स्कूलों को बंद करने तक की नौबत आती है। चुनाव आयोग को समीक्षा के दौरान इस तरह की समस्याओं से दो-चार पड़ा। इसके बाद अन्य कर्मियों को बीएलओ के काम में लगाने व निर्णय लिया गया। वर्तमान में नौ नवंबर से मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का काम चल रहा है, जो आठ दिसंबर तक चलेगा।

बीएलओ का काम करेंगे ये कर्मी..
आंगनबाड़ी सेविका, पटवारी, अमीन, लेखापाल, पंचायत सचिव, ग्रामीण स्तर के कर्मी, बिजली बिल रीडर, पोस्टमैन, नर्स, हेल्थ वर्कर, मिड डे मील कर्मी, नगर निगम के टैक्स लेने वाले कर्मी, शहरी क्षेत्र के सर्किल कर्मी को बीएलओ की ड्यूटी में लगाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को नए साल से बीएलओ की ड्यूटी हटाया जाएगा। उन्हें सिर्फ चुनाव के दौरान वोटिंग, काउंटिंग समे अन्य कार्यों में लगाया जाएगा। शिक्षकों की जगह अन्य कर्मियों प्रशिक्षण देकर बीएलओ की जिम्मेदारी दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×