झारखंड: 99 रेलवे स्टेशनों और 46 सर्विस बिल्डिंग्स पर होगा सोलर ऊर्जा का विस्तार….

झारखंड में ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए, रेलवे ने राज्य के 99 रेलवे स्टेशनों और 46 सर्विस बिल्डिंग्स में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके तहत, जल्द ही इन स्थानों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. यह कदम न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे रेलवे की ऊर्जा लागत में भी कमी आएगी.

सोलर ऊर्जा की बढ़ती जरूरत

भारत में तेजी से बढ़ती ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग लगातार बढ़ रहा है. सौर ऊर्जा न केवल सस्ती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प है. झारखंड, जो खनिज संसाधनों में समृद्ध है, ने भी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है. इस राज्य में अधिकांश क्षेत्रों में धूप अच्छी तरह से उपलब्ध होती है, जिससे सोलर पावर जेनरेशन के लिए यहां अनुकूल स्थिति बनी हुई है.

रेलवे का पर्यावरण के प्रति योगदान

भारतीय रेलवे लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है. रेलवे द्वारा विभिन्न प्रकार की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग भी शामिल है. इस दिशा में, रेलवे द्वारा सोलर पैनल लगाने का यह कदम रेलवे की ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट का हिस्सा है. रेलवे का यह कदम देशभर में ऊर्जा के उपयोग के तरीके में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

झारखंड के लिए विशेष योजना

झारखंड राज्य के 99 रेलवे स्टेशनों और 46 सर्विस बिल्डिंग्स में सोलर प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है. इससे न केवल इन स्टेशनों और बिल्डिंग्स की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा, बल्कि बाकी बची हुई ऊर्जा को ग्रिड में भी भेजा जा सकेगा. इस प्रकार यह योजना न केवल रेलवे के लिए, बल्कि राज्य के लिए भी फायदेमंद साबित होगी.

सोलर प्लांट की विशेषताएँ

रेलवे द्वारा लगाए जाने वाले सोलर प्लांट्स में नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे इनकी कार्यक्षमता अधिक होगी. इन सोलर पैनलों की मदद से रेलवे स्टेशनों पर बिजली की कमी नहीं होगी और दिन-रात के दौरान बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही, यह प्लांट्स उच्च क्षमता वाले होंगे, जो लंबे समय तक चलेंगे और रखरखाव में भी कम खर्चीले होंगे.

रेलवे स्टेशनों पर सोलर ऊर्जा का प्रयोग

भारत में पहले से ही कई रेलवे स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और वहां सफलतापूर्वक उपयोग हो रहा है. झारखंड में भी यह प्रयोग पहले कुछ स्टेशनों पर किया गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले थे. इसी को देखते हुए अब इसे राज्यभर के अन्य स्टेशनों पर भी लागू करने की योजना बनाई गई है.

रेलवे की ऊर्जा नीति

भारतीय रेलवे ने अपनी ऊर्जा नीति में साफ किया है कि वह भविष्य में अपने अधिकांश ऊर्जा जरूरतों को स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करेगा. सोलर पैनल लगाने का यह प्रयास उसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. रेलवे का उद्देश्य है कि वह अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करे और देश के ऊर्जा उपयोग में योगदान दे.

राज्य सरकार और रेलवे के बीच तालमेल

इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार और रेलवे के बीच अच्छी तरह से तालमेल बना हुआ है. राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए पूरी तरह से समर्थन देने की घोषणा की है. इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन भी इस योजना में सहयोग कर रहा है, ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके.

आर्थिक लाभ

सोलर पैनल लगाने से झारखंड राज्य को आर्थिक लाभ भी होगा. इससे रेलवे की बिजली की लागत में कमी आएगी और बची हुई बिजली को ग्रिड में डालकर राजस्व अर्जित किया जा सकेगा. इसके अलावा, सोलर पैनल्स की देखभाल और रखरखाव के लिए स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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