झारखंड: चट्टान गिरने से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त, ट्रेनों के रूट में बदलाव…..

झारखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण मंगलवार को सिधवार-सांकी रेलखंड के बीच टनल नंबर दो के पास एक बड़ा हादसा होते-होते बचा. पहाड़ों से टूटकर एक विशाल चट्टान अचानक रेलवे ट्रैक पर आ गिरी. इस दौरान सांकी स्टेशन से बरकाकाना की ओर लौट रहा एक इंजन चट्टान की चपेट में आ गया. चट्टान इंजन के नीचे दोनों पहियों के बीच फंस गई और उसे काफी दूर तक घसीटते हुए टनल के अंदर तक खींच ले गई. हालांकि, इस घटना में किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई, लेकिन रेलवे ट्रैक को काफी नुकसान पहुंचा है. चट्टान के घिसटने से ट्रैक के करीब 100 स्लीपर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और ट्रैक कई जगहों से टेढ़ा हो गया. यह घटना एक बड़ा हादसा बन सकती थी, पर राहत की बात यह रही कि किसी भी ट्रेन में यात्री नहीं थे और केवल इंजन ही हादसे का शिकार हुआ.

चट्टान के गिरने से हुआ नुकसान

सिधवार-सांकी रेलखंड का यह क्षेत्र पहाड़ों से घिरा हुआ है, और यहां भारी बारिश के कारण पहाड़ों से चट्टानें गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है. रेलवे द्वारा सुरक्षा के लिहाज से ट्रैक के किनारे जालियां लगाई गई हैं ताकि पहाड़ों से गिरने वाली चट्टानें ट्रैक पर न आ सकें. लेकिन इस बार बारिश इतनी तेज थी कि बड़ी चट्टानें इन जालियों को तोड़ते हुए ट्रैक पर आ गिरीं. इस वजह से रेल परिचालन में बाधा उत्पन्न हुई और रेलवे को बड़ी क्षति का सामना करना पड़ा. चट्टान गिरने के बाद इंजन के नीचे फंसी चट्टान टनल के अंदर तक खींची गई, जिससे ट्रैक को और भी ज्यादा नुकसान हुआ. रेलवे के मुताबिक करीब 100 स्लीपर और ट्रैक का बड़ा हिस्सा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. यह ट्रैक बरकाकाना-रांची मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे इस हादसे के बाद ट्रेनों के रूट में भी बदलाव किया गया है.

रेस्क्यू ऑपरेशन और रेलवे की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रबंधन की रेस्क्यू टीम तुरंत मौके पर पहुंची और इंजन के नीचे फंसी चट्टान को निकालने का प्रयास शुरू कर दिया. रेलवे द्वारा विशेष ट्रेन के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया ताकि ट्रैक को जल्द से जल्द साफ किया जा सके और परिचालन सामान्य किया जा सके. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद रेल मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है. घटना स्थल पर रेलवे के इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ पहुंच चुके हैं और नुकसान का आकलन कर रहे हैं. रेलवे प्रबंधन ने बताया कि चट्टान के गिरने की वजह से ट्रैक को ठीक करने में थोड़ा वक्त लगेगा और इस दौरान रेल यातायात में व्यवधान रहेगा.

ट्रेनों के रूट में बदलाव

इस हादसे के बाद धनबाद रेल मंडल ने कुछ प्रमुख ट्रेनों के रूट में बदलाव की घोषणा की है. पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस, आसनसोल-हटिया एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों के रूट को अगले आदेश तक डायवर्ट कर दिया गया है. ये ट्रेनें अब बरकाकाना से मुरी होकर रांची पहुंचेंगी. पहले ये ट्रेनें बरकाकाना-सांकी-बीआईटी मेसरा-रांची मार्ग से गुजरती थीं, लेकिन ट्रैक की स्थिति को देखते हुए अब इनका मार्ग बदल दिया गया है. धनबाद के वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक और वरीय जनसंपर्क अधिकारी अमरेश कुमार द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारी बारिश के कारण सिधवार-सांकी रेलखंड में अगले आदेश तक सभी ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है. इसमें प्रमुख रूप से वंदे भारत एक्सप्रेस और आसनसोल-हटिया एक्सप्रेस का नाम शामिल है. 18 सितंबर से पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस बरकाकाना-मुरी-रांची के रास्ते चलेगी. इसी तरह, आसनसोल-हटिया एक्सप्रेस को भी इसी रूट से डायवर्ट किया गया है.

यात्रियों को होगी असुविधा

इस घटना के कारण रांची और पटना के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ेगा. वंदे भारत एक्सप्रेस के यात्रियों को अब मुरी के रास्ते रांची पहुंचना होगा, जिससे उनके सफर में एक घंटे से ज्यादा का समय बढ़ जाएगा. रूट डायवर्जन की वजह से यात्रा का समय बढ़ने के कारण यात्रियों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. इस तरह के हादसों के चलते यात्रियों को अतिरिक्त समय की योजना बनानी होगी. विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए जो ऑफिस के काम या किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए यात्रा कर रहे हैं, इस देरी से उनकी योजनाओं पर असर पड़ सकता है.

रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

हालिया घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. रेलवे द्वारा पहाड़ों से चट्टान गिरने से बचाने के लिए जालियां लगाई गई थीं, लेकिन ये जालियां इतनी मजबूत नहीं थीं कि इतनी बड़ी चट्टान को रोक पातीं। यह घटना सुरक्षा उपायों में खामियों को उजागर करती है. रेलवे को इस घटना से सीख लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके. रेलवे की ओर से कहा गया है कि ट्रैक को जल्द से जल्द ठीक करने का काम चल रहा है और सुरक्षा उपायों को और पुख्ता किया जाएगा. भारी बारिश के दौरान ट्रैक के किनारे की पहाड़ियों की निगरानी के लिए आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे ताकि समय रहते किसी भी संभावित खतरे का पता लगाया जा सके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×