होली पर नकली शराब के खिलाफ झारखंड पुलिस राज्य की सीमाओं पर बढ़ाई चौकसी…..

होली के मौके पर झारखंड सरकार ने नकली और अवैध शराब के खिलाफ सख्ती से अभियान चलाने का फैसला किया है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद के निर्देश पर पूरे राज्य में पुलिस और उत्पाद विभाग मिलकर छापेमारी कर रहे हैं. इस बार खासतौर पर नकली शराब के कारोबार पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं ताकि राज्य में अवैध शराब की आपूर्ति न हो सके और किसी तरह की अप्रिय घटना न हो. सरकार का यह फैसला राज्य में पहले हुए जहरीली शराब कांड को देखते हुए लिया गया है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी. इस बार ऐसा न हो, इसके लिए झारखंड पुलिस और उत्पाद विभाग मिलकर विशेष अभियान चला रहे हैं.

अवैध शराब के खिलाफ कड़ा अभियान, पुलिस और उत्पाद विभाग की संयुक्त कार्रवाई

• हर साल होली के मौके पर राज्य में अवैध और नकली शराब की आपूर्ति बढ़ जाती है. इसे देखते हुए झारखंड सरकार ने इस बार पड़ोसी राज्यों से सटी सीमाओं पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया है.

• अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग संयुक्त अभियान चला रहे हैं.

• राज्य की सीमाओं पर विशेष चौकसी बढ़ा दी गई है.

• स्थानीय पुलिस को छापेमारी में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.

• हर जिले में उत्पाद विभाग की टीमें सक्रिय रूप से निगरानी कर रही हैं.

• मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

क्यूआर कोड आधारित ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम से होगी निगरानी

• इस बार होली के दौरान नकली शराब की आपूर्ति रोकने के लिए क्यूआर कोड आधारित निगरानी प्रणाली (Track & Trace System) को अनिवार्य किया गया है. इस तकनीक की मदद से शराब की बोतलों की असली और नकली पहचान की जा सकेगी.

• यह सिस्टम शराब की हर बोतल को ट्रैक करने की सुविधा देगा.

• उत्पाद विभाग इस पर कड़ी नजर रखेगा और नकली शराब मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

• इस व्यवस्था से शराब की तस्करी पर भी रोक लगेगी.

• सरकार ने सभी शराब दुकानों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके पास केवल प्रमाणित और क्यूआर कोड वाली शराब ही उपलब्ध हो.

शराब माफियाओं की धर-पकड़ जारी, पुराने आरोपियों का सत्यापन हो रहा

• झारखंड सरकार इस बार अवैध शराब के कारोबार में शामिल पुराने अपराधियों पर भी नजर रख रही है.

• पहले जेल जा चुके शराब माफियाओं का सत्यापन किया जा रहा है.

• उनके वर्तमान ठिकानों और गतिविधियों की निगरानी की जा रही है.

• राज्य में अवैध शराब की आपूर्ति रोकने के लिए हर दिन छापेमारी की जा रही है.

• पुलिस और उत्पाद विभाग की संयुक्त टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं.

• पिछले कुछ महीनों में अवैध शराब के खिलाफ की गई कार्रवाई में सैकड़ों लीटर नकली शराब जब्त की गई है और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

होली के दौरान शराब पीने से पहले रखें ये सावधानियाँ

सरकार और पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद, होली के मौके पर शराब पीने वालों को खुद भी सतर्क रहने की जरूरत है. नकली शराब पीने से गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं, जिनमें अंधापन और मौत तक का खतरा रहता है.

होली पर शराब पीते समय इन बातों का ध्यान रखें:

• केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही शराब खरीदें.

• किसी अज्ञात व्यक्ति से शराब न लें, चाहे वह मुफ्त में ही क्यों न दे रहा हो.

• शराब की बोतल पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके उसकी प्रमाणिकता जांचें.

• अगर शराब की गंध या स्वाद अजीब लगे, तो तुरंत उसका सेवन न करें.

• शराब पीने के बाद किसी भी असामान्य लक्षण (चक्कर, उल्टी, बेहोशी) पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

नकली शराब पर रोक लगाने के लिए झारखंड सरकार की योजना

झारखंड सरकार ने राज्य में नकली शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

• सख्त कानून: अवैध शराब बनाने और बेचने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

• निगरानी टीम: हर जिले में उत्पाद विभाग की विशेष टीमें तैनात की गई हैं.

• जन जागरूकता: आम जनता को नकली शराब की पहचान और उससे बचने के तरीके बताए जा रहे हैं.

• सीमाओं पर कड़ी निगरानी: पड़ोसी राज्यों से झारखंड में अवैध शराब न आ सके, इसके लिए सभी एंट्री पॉइंट्स पर चेकिंग बढ़ा दी गई है.

होली के त्योहार को सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन की अपील

• राज्य पुलिस और प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे होली के दौरान किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.

• अगर किसी इलाके में अवैध शराब बिक रही है, तो इसकी सूचना दें.

• शराब पीकर गाड़ी न चलाएँ, यह न केवल अवैध है बल्कि खतरनाक भी है.

• होली को सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए प्रशासन का सहयोग करें.

• होली के मौके पर शराब से जुड़ी किसी भी आपात स्थिति में तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें.

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