झारखंड के पारा शिक्षकों को हर साल के सेवा सत्यापन से मिली छूट, मानदेय बढ़ोतरी के लिए नया नियम लागू…..

झारखंड के पारा शिक्षकों के लिए बड़ी राहत की खबर है. अब उन्हें हर साल सेवा सत्यापन कराने की जरूरत नहीं होगी. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा जारी एक नए आदेश के मुताबिक, जिन शिक्षकों की सेवा एक बार संतोषजनक रूप से सत्यापित हो चुकी है, उनका रिकॉर्ड जिला शिक्षा कार्यालय में रखा जाएगा. इसका मतलब यह है कि अब उन्हें हर साल सेवा सत्यापन के लिए अलग से प्रक्रिया नहीं करनी होगी.

नया नियम क्या कहता है?

झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षकों को एक पत्र भेजा है, जिसमें नए नियमों की जानकारी दी गई है. पत्र में कहा गया है कि झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 के अनुसार, यदि किसी शिक्षक की सेवा एक बार संतोषजनक पाई जाती है, तो अगले सालों के लिए उसका रिकॉर्ड जिला कार्यालय में ही रखा जाएगा. ऐसे शिक्षकों को हर साल सेवा सत्यापन के लिए दौड़ने की जरूरत नहीं होगी, जब तक कि उन पर किसी प्रकार की अनुशासनिक या कानूनी कार्रवाई न हुई हो.

मानदेय बढ़ोतरी के लिए प्रक्रिया में बदलाव:

पहले शिक्षकों को हर साल सेवा संतोषप्रद होने का सत्यापन कराना पड़ता था, जो मुखिया या प्रमुख के स्तर पर किया जाता था. अब नए नियम के तहत, यदि एक बार सेवा सत्यापित हो चुकी है और शिक्षक की सेवा में कोई गड़बड़ी नहीं है, तो उन्हें हर साल सत्यापन की जरूरत नहीं होगी. यह प्रक्रिया शिक्षकों के मानदेय में हर साल 4% की बढ़ोतरी के साथ जारी रहेगी, जब तक कि सेवा संतोषजनक पाई जाती है.

किसके द्वारा होता है सत्यापन?

ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों का सेवा सत्यापन मुखिया द्वारा और कक्षा 6 से 8 के शिक्षकों का सत्यापन प्रमुख के द्वारा किया जाता है. वहीं, शहरी क्षेत्रों में, नगर निगम क्षेत्र में मेयर और नगर परिषद क्षेत्र में अध्यक्ष सेवा सत्यापन करते हैं. हाल ही में, राज्य कैबिनेट की बैठक में एक संशोधन किया गया है, जिसमें शहरी क्षेत्रों के शिक्षकों की सेवा सत्यापन का प्रावधान शामिल किया गया है. इसके तहत अब शहरी क्षेत्र के शिक्षकों को भी मानदेय बढ़ोतरी के लिए सेवा सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरना होगा, हालांकि यह सत्यापन हर साल आवश्यक नहीं होगा.

शिक्षकों के लिए राहत और सुविधा:

इस नए नियम के लागू होने से पारा शिक्षकों को हर साल सेवा सत्यापन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. शिक्षकों को अब केवल यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी सेवा संतोषजनक बनी रहे और उनके खिलाफ किसी प्रकार की अनुशासनिक या कानूनी कार्रवाई न हो.

शिक्षा विभाग की अपील:

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने सेवा रिकॉर्ड को अपडेट रखें और सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार की अनुशासनिक समस्या न हो.

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