झारखंड राज्य की सभी यूनिवर्सिटी में जल्द ही वोकेशनल कोर्स के लिए एक समान नियम और फीस ढांचा लागू किया जाएगा. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि छात्रों को एक समान शिक्षा व्यवस्था मिले और सभी विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता और समानता बनी रहे. फिलहाल स्थिति यह है कि एक ही कोर्स, विशेषकर बीएड (B.Ed.) जैसे वोकेशनल कोर्स की फीस अलग-अलग विश्वविद्यालयों में काफी भिन्न है. कहीं फीस कम है, तो कहीं छात्रों को 60 हजार रुपये तक ज्यादा देने पड़ते हैं. राज्य सरकार ने पहले ही सभी विश्वविद्यालयों में एक समान अवकाश (हॉलीडे) कैलेंडर लागू कर दिया है, जिससे छुट्टियों में एकरूपता लाई गई. अब अगला कदम वोकेशनल कोर्स के रेगुलेशन और फीस ढांचे को एकरूप करना है.
सबसे बड़ा अंतर बीएड कोर्स की फीस में
झारखंड की प्रमुख यूनिवर्सिटियों में बीएड कोर्स की फीस की बात करें, तो सबसे ज्यादा फीस रांची यूनिवर्सिटी (RU), डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (DSPMU), और नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी में है – करीब 1.5 लाख रुपये. वहीं सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी (SKMU), दुमका में यही कोर्स मात्र 88 हजार रुपये में किया जा सकता है. यानी एक ही राज्य में एक ही कोर्स के लिए 62 हजार रुपये तक का अंतर है.
यूनिवर्सिटीवार फीस संरचना और नियम
1. विनोबा भावे यूनिवर्सिटी (VBU), हजारीबाग
• फीस: ₹1.30 लाख
• शिक्षकों का मानदेय: ₹53,000
• सेवा ब्रेक: नहीं
2. विनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी (BBMKU), धनबाद
• फीस: ₹1.30 लाख
• मानदेय: ₹53,000
• सेवा ब्रेक: नहीं
3. सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी (SKMU), दुमका
• फीस: ₹88,000
• मानदेय: ₹57,700
• सेवा ब्रेक: नहीं
4. नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी (NPU), मेदिनीनगर
• फीस: ₹1.50 लाख
• मानदेय: ₹44,500
• सेवा ब्रेक: नहीं
5. रांची यूनिवर्सिटी (RU)
• फीस: ₹1.50 लाख
• मानदेय: ₹50,000
• सेवा नवीनीकरण: हर 11 महीने में
6. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (DSPMU), रांची
• फीस: ₹1.50 लाख
• मानदेय: ₹48,500
• सेवा ब्रेक: हर 11 महीने बाद 8 दिन
7. कोल्हान यूनिवर्सिटी, चाईबासा
• फीस: ₹1.21 लाख
• मानदेय: ₹37,800
• सेवा ब्रेक व नवीनीकरण: हर 11 महीने में
8. जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी
• फीस: ₹1.21 लाख
• मानदेय: ₹37,800
• सेवा ब्रेक: हर 11 महीने में
विभाग ने दिए निर्देश – सभी यूनिवर्सिटियां भेजें प्रस्ताव
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को चिट्ठी भेजी है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि वोकेशनल कोर्स के लिए एक समान नियम तैयार करें और उसे अपनी एकेडमिक काउंसिल से पास कराकर विभाग को भेजें. विभाग की योजना है कि जल्द ही सभी वोकेशनल कोर्स – खासकर बीएड जैसे प्रमुख कोर्स के लिए एक स्वीकृत नियमावली और फीस ढांचा तैयार किया जाए.