रांची। झारखंड जनाधिकार महासभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य के कई मंत्रियों और INDIA गठबंधन के विधायकों से मुलाकात कर पंचायत अधिनियम (PESA) को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग की। महासभा ने सरकार से आग्रह किया कि PESA को “अबुआ राज” की भावना के अनुरूप लागू किया जाए और इसके लिए झारखंड पंचायत राज अधिनियम, 2001 (JPRA) में आवश्यक संशोधन किए जाएं। साथ ही, PESA राज्य नियमावली के ड्राफ्ट में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
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प्रतिनिधिमंडल की मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुवा, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा, कोलेबिरा विधायक बिक्सल कोंगारी, गुमला विधायक भूषण तिर्की, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, पोरैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो से मुलाकात की। मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है, जबकि विधायकों ने विधानसभा सत्र में इस विषय को उठाने का भरोसा दिलाया।
आदिवासी समुदायों के अधिकारों पर लगातार हमले
महासभा ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड में दशकों से आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक स्वायत्तता और उनके संसाधनों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इनमें निजी और सामुदायिक भूमि पर अतिक्रमण, ग्राम सभा की सहमति के बिना धार्मिक निर्माण, पुलिस कैंपों की स्थापना, वन विभाग द्वारा फर्जी मामले दर्ज करना, और पारंपरिक संस्कृति, भाषा और सामुदायिक प्रबंधन के संरक्षण की कमी जैसी समस्याएं शामिल हैं। ऐसे में, सामूहिक संघर्ष के लिए PESA एक प्रभावी हथियार साबित हो सकता है।
JPRA में संशोधन की मांग
महासभा ने यह भी स्पष्ट किया कि PESA को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए झारखंड पंचायत राज अधिनियम, 2001 (JPRA) में संशोधन आवश्यक है। वर्तमान में JPRA में PESA के अधिकांश प्रावधान शामिल नहीं हैं। PESA के तहत राज्य के पंचायत अधिनियम को अनुसूचित क्षेत्रों की परंपराओं, सामाजिक-धार्मिक प्रथाओं और सामुदायिक संसाधनों के पारंपरिक प्रबंधन के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। महासभा का मानना है कि जब तक JPRA में PESA के सभी प्रावधानों को जोड़ा नहीं जाता, तब तक नियमावली बनाना व्यर्थ होगा, क्योंकि इसे कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी।
महासभा ने सरकार से स्पष्ट प्रतिबद्धता की मांग की
महासभा ने बताया कि उन्होंने इस विषय पर विस्तृत अध्ययन और विश्लेषण कर JPRA में आवश्यक संशोधनों और PESA नियमावली में सुधार के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है। प्रतिनिधिमंडल ने विधायकों को याद दिलाया कि INDIA गठबंधन के दलों ने चुनाव के दौरान PESA को पूर्ण रूप से लागू करने का वादा किया था। हालांकि, कुछ विधायकों ने इस मामले को विधानसभा में उठाया है, लेकिन इस पर अब तक विस्तृत और सार्थक बहस नहीं हुई है। महासभा ने विधायकों से अपेक्षा की है कि वे इस मुद्दे को सड़क से लेकर विधानसभा तक जोर-शोर से उठाएं और इसे “अबुआ राज” की भावना के साथ लागू करने की मांग करें।