Jharkhand: झारखंड सरकार ने राज्य में प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में 75 फीसदी स्थानीय लोगों की नियुक्ति का कानून लागू किया है। इस कानून का पालन न करने के आरोप में सरकार ने कुल 268 कंपनियों को नोटिस भेजा है, जबकि 18 कंपनियों पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिन कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है, वह सभी कोडरमा जिले की हैं।
86 कंपनियों को भेजा नोटिस…
विधानसभा में नियुक्ति संबंधी कानून पास होने के तीन महीने बाद भी लेबर डिपार्टमेंट के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। 40 हजार तक की तनख्वाह वाली नौकरियों में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को नियुक्त करने के इस कानून के प्रावधान को नहीं मानने पर सबसे ज्यादा गिरिडीह जिले में 86 कंपनियों को नोटिस भेजा गया है।
5046 कंपनियों ने कराया रजिस्ट्रेशन…
नौकरी देने के मामले में श्रम विभाग की ओर से जारी किए गए पोर्टल में राज्य की 5046 कंपनियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें सबसे अधिक पूर्वी सिंहभूम की 1136 कंपनियों ने पोर्टल में जानकारी दी है। वहीं, रांची की 319, सरायकेला-खरसावां की 537, बोकारो की 645, धनबाद की 608 कंपनियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
85 हजार से ज्यादा कंपनियों ने कराया रजिस्ट्रेशन …
श्रम विभाग के पोर्टल में 85 हजार से ज्यादा कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनसे संबंधित जानकारी विभाग को उपलब्ध करायी है। इसमें 1128 कर्मियों का श्रम विभाग ने भौतिक सत्यापन भी किया है। इस कानून के अनुपालन की स्थिति पर निगरानी के लिए झारखंड विधानसभा की एक विशेष कमेटी बनाई गई है, जिसके सभापति नलिन सोरेन हैं। जबकि, प्रदीप यादव और नारायण दास सदस्य हैं। यह कमेटी समय-समय पर इस बात की समीक्षा कर रही है कि राज्य की प्राइवेट कंपनियां 75 फीसदी स्थानीयों के आरक्षण के कानून का कितना पालन कर रही हैं।
कंपनियो को देना होगा रिकार्ड…
कंपनियों को यह भी बताना है कि वह अगले तीन वर्षों में अपनी कंपनियों में 75 प्रतिशत स्थानीय के नियोजन के प्रावधान को पूरा करेंगे। इसके लिए कंपनियों को सरकार को बताना है कि उनका रोड मैप क्या होगा, कैसे वह इस प्रावधान को लागू करेंगे। राज्य की 5046 कंपनियों ने श्रम विभाग के पोर्टल में निबंधन कराया है। वहीं 1392 कंपनियों ने यह बताया है कि वह कैसे इस प्रावधान को लागू करेंगे।
सरकार करेगी मदद ….
इस संबंध में कम्पनियों की ओर से स्थानीय स्तर पर रोजगार के बारे में सूचना दी जाती है, तो सरकार मदद करेगी। सरकार की ओर से युवाओं को आवश्यक कौशल के संबंध में प्रशिक्षण दिलायी जाएगी। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार के भी सभी प्रतिष्ठानों और उपक्रमों पर भी लागू होगा।