झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में आईईडी विस्फोट की घटना सामने आई है. इस धमाके में सीआरपीएफ (CRPF) के दो जवान घायल हो गए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायलों को बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए रांची भेजा गया है.
कैसे हुआ धमाका?
यह घटना शनिवार दोपहर 2:30 से 2:45 के बीच हुई, जब सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे. पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानागरा थाना क्षेत्र के मारंगपोंगा इलाके में सुरक्षा बलों की एक टीम गश्त कर रही थी. इसी दौरान नक्सलियों द्वारा पहले से बिछाए गए आईईडी बम की चपेट में आकर सीआरपीएफ के 193 बटालियन के सब-इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल और जवान पार्थ प्रतिम डे घायल हो गए. घायलों को पहले प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए रांची ले जाया गया. इस घटना की पुष्टि पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आशुतोष शेखर ने की है.
पहले से बिछाया गया था आईईडी बम
सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों ने पहले से ही जंगल में आईईडी बम बिछा रखा था. सुरक्षा बल जब सर्च ऑपरेशन के लिए आगे बढ़ रहे थे, तभी जवान इसकी चपेट में आ गए. यह पहली बार नहीं है जब सारंडा जंगल में इस तरह का हमला हुआ हो. इससे पहले भी नक्सली आईईडी विस्फोट कर सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निशाना बना चुके हैं.
नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियां
सारंडा जंगल नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, जहां कई बार सुरक्षा बलों पर हमले हो चुके हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने कई बार इन इलाकों में नक्सलियों की साजिशों को नाकाम किया है. कुछ समय पहले भी सुरक्षा बलों ने यहां एक बड़े सर्च ऑपरेशन के दौरान 20 किलो का आईईडी बम बरामद किया था, जिसे बम निरोधक दस्ते की मदद से निष्क्रिय किया गया था. इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने हाल ही में नक्सलियों द्वारा बनाए गए पत्थर से बने पांच मोर्चों को भी ध्वस्त किया था. यह इलाके में नक्सली प्रभाव को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम था.
सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी
घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है. जंगल में और आईईडी बम होने की आशंका को देखते हुए विशेष दस्तों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, हेलीकॉप्टर के जरिए भी इलाके की निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके.
स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. स्थानीय लोग नक्सली हिंसा से पहले ही परेशान थे, और अब इस विस्फोट ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.
नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ेगी चौकसी
इस हमले के बाद राज्य सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं. सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. खासकर उन इलाकों में, जहां पहले भी नक्सली हमले हो चुके हैं, वहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा सकती है.