झारखंड के 404 स्कूलों, इंटर कॉलेजों और मदरसों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 79.65 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा. यह अनुदान राज्य सरकार द्वारा उन शैक्षणिक संस्थानों को प्रदान किया जाएगा, जो अब तक वित्त रहित थे. इस अनुदान के तहत 88% राशि इसी वित्तीय वर्ष में जारी की जाएगी, जबकि शेष 12% राशि अगले वित्तीय वर्ष में प्रदान की जाएगी. वहीं, 144 स्कूलों और कॉलेजों के आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं. इनमें 98 माध्यमिक विद्यालय, 32 इंटर कॉलेज, नौ मदरसे और पांच संस्कृत विद्यालय शामिल हैं.
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया और अनुदान समिति की बैठक
इस अनुदान के लिए कुल 548 वित्त रहित संस्थानों ने ऑफलाइन आवेदन जमा किए थे. शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई अनुदान समिति की बैठक में इन आवेदनों की समीक्षा की गई. इस समीक्षा के बाद 404 संस्थानों के आवेदन स्वीकृत किए गए. इनमें 211 माध्यमिक विद्यालय, 137 इंटर कॉलेज, 26 मदरसे और 30 संस्कृत विद्यालय शामिल हैं. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी ऑनलाइन पोर्टल की समस्या के कारण ऑफलाइन आवेदन मंगाए गए थे. इस बार 309 माध्यमिक विद्यालयों, 169 इंटर कॉलेजों, 35 मदरसों और 35 संस्कृत विद्यालयों ने आवेदन जमा किए थे. समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, अनुदान राशि मिलने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी पूरी जांच के उपरांत इसे संबंधित संस्थानों को वितरित करेंगे.
अनुदान की प्रक्रिया और जिम्मेदारी
बैठक में यह तय किया गया कि अनुदान की 88% राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही वितरित कर दी जाएगी, जबकि शेष 12% राशि अगले वित्तीय वर्ष के बजट से जारी होगी. किसी भी प्रकार की अनियमितता या गड़बड़ी के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे. चार माध्यमिक विद्यालयों को दो वित्तीय वर्षों का अनुदान एक साथ दिया जाएगा. इनमें होली क्रास उच्च विद्यालय (सिमडेगा), गोलमुरी उत्कल समाज विद्यालय (जमशेदपुर), आरटीसी पब्लिक स्कूल (मूरी) और ज्योति शिखर उच्च विद्यालय (डोरंडा, रांची) शामिल हैं. इन संस्थानों को 2023-24 और 2024-25 का अनुदान एक साथ दिया जाएगा, क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में इन्हें अनुदान नहीं मिला था और इन्होंने अपील की थी.
कोडरमा: निजी स्कूलों में वार्षिक अवकाश पर सहमति
कोडरमा जिले में संचालित निजी विद्यालयों में वार्षिक अवकाश की सूची को लेकर सहमति बन गई है. सभी विद्यालयों के प्रबंधन ने मिलकर इस सूची को अंतिम रूप दिया है. 1 अप्रैल से पहले प्रखंड अध्यक्ष और सचिव द्वारा वार्षिक अवकाश की सूची जारी कर दी जाएगी. इस बैठक में शिक्षकों और सहायक कर्मियों के लिए नियमावली तैयार की गई, जिस पर जिला एवं प्रखंड पदाधिकारियों की सहमति बनी. हालांकि, कुछ बिंदुओं पर गहन चर्चा की गई और उनके अंतिम निर्णय को अगली बैठक तक टाल दिया गया है. संगठन विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई. प्रखंड पदाधिकारी और अन्य सदस्य निजी विद्यालय संचालकों को संगठन से जोड़ने के लिए पहल करेंगे. साथ ही, सक्रिय पदाधिकारियों का चयन कर उन्हें कार्यभार सौंपा जाएगा.
छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नई योजनाएं
निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नए सत्र में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य छात्रों के बौद्धिक, सांस्कृतिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा देना होगा.