झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में महुआ शराब को बढ़ावा देने की योजना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि गोवा की काजू फेनी की तर्ज पर झारखंड में महुआ से रिफाइंड शराब तैयार की जाएगी. फ्रांस में महुआ आधारित वाइन बनाने की संभावनाएं सामने आई हैं, और इसकी सत्यता की जांच के बाद झारखंड में भी इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे.
राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद
महुआ शराब को रिफाइन कर तैयार करने के लिए उत्पाद विभाग को प्लांट स्थापित करने का सुझाव दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी की संभावना है. यह जानकारी शुक्रवार को बजट पूर्व गोष्ठी के दूसरे दिन प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी गई.
डीजल पर वैट दर कम करने की चर्चा
बजट चर्चा में डीजल की दर पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ. उत्तर प्रदेश में झारखंड से प्रति लीटर पांच रुपए कम डीजल की दर का उदाहरण देते हुए यह चर्चा की गई कि अगर झारखंड में भी डीजल की दर प्रति लीटर 5 रुपए घटाई जाए, तो इससे राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है.
महुआ को आधुनिक स्वरूप देने की योजना
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड के गांवों में महुआ संस्कृति का अहम हिस्सा है. इसे सुरक्षित शराब के रूप में परिवर्तित कर न केवल पारंपरिक महुआ की पहचान को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जा सकता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि महुआ शराब की कीमत ग्रामीणों की सामर्थ्य के अनुरूप तय की जाएगी.
अन्य राज्यों से लिया जाएगा सबक
बजट पूर्व चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ और हरियाणा में शराब बिक्री से होने वाले राजस्व के उदाहरण दिए गए. छत्तीसगढ़ में शराब से सालाना 8,000 करोड़ रुपए और हरियाणा में 5,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है. इसी तर्ज पर झारखंड में भी एक्साइज से राजस्व बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य तय किया गया है.