झारखंड सरकार ने राज्य के छोटे कारोबारियों के लिए एक बड़ी सौगात दी है. अब किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), किसान उत्पादक कंपनियों (पीएफसी), सहकारिता और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को उनकी परियोजना लागत का 35% अनुदान मिलेगा. यह अनुदान तीन करोड़ से अधिकतम दस करोड़ रुपये तक हो सकता है. यह घोषणा राज्य के उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान की.
उद्योग मंत्री ने दिया आत्मनिर्भर झारखंड पर जोर
उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में आयोजित दो दिवसीय प्रमंडल स्तरीय महोत्सव में इस योजना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि झारखंड के छोटे कारोबारी अगर खाद्य उत्पादन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग के क्षेत्र में अधिक से अधिक कदम बढ़ाएं, तो राज्य को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसानों और छोटे कारोबारियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार हरसंभव सहायता दे रही है. इसी क्रम में सरकार ने 35% अनुदान योजना शुरू की है, जिससे राज्य के छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा.
स्वयं सहायता समूहों को पूंजी सहायता
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के वे स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), जो खाद्य पदार्थों का प्रसंस्करण और पैकेजिंग करते हैं, उन्हें प्रारंभिक पूंजी सहायता के रूप में प्रत्येक सदस्य को 40,000 रुपये दिए जाएंगे. इससे छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने वालों को काफी मदद मिलेगी.
कारोबारियों को मिला सम्मान और आर्थिक सहयोग
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सफल कारोबारियों को अनुदान राशि और सम्मान पत्र भी दिए गए. राहुल अग्रवाल को 27 लाख रुपये, राजेश कुमार को 13.58 लाख, अनीस सेठी को 48.60 लाख, ब्रह्मचारी को 5.45 लाख और जावेद अख्तर समेत अन्य उद्यमियों को भी आर्थिक सहायता दी गई. इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक और बैंक ऑफ इंडिया को भी उनके सहयोग के लिए प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
सरकार का लक्ष्य: झारखंड को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना
इस योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड में स्थानीय स्तर पर व्यापार को बढ़ावा देना, खाद्य उत्पादों की ब्रांडिंग करना और किसानों तथा छोटे कारोबारियों को आत्मनिर्भर बनाना है. सरकार चाहती है कि राज्य के उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान बनाएं और झारखंड आर्थिक रूप से मजबूत हो. सरकार की इस पहल से किसान संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और छोटे व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी और वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे.