झारखंड सरकार का वकीलों के लिए बड़ा कदम: मेडिकल बीमा, स्टाइपेंड और पेंशन में बढ़ोतरी से मिलेगा राहत…..

झारखंड सरकार ने राज्य के वकीलों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिससे वे देश के पहले राज्य बन गए हैं जो इस तरह के लाभ प्रदान कर रहे हैं. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य के वकीलों के लिए 5 लाख रुपये का मेडिकल बीमा और नव नामांकित वकीलों को हर महीने 5,000 रुपये का भत्ता (स्टाइपेंड) देने की मंजूरी दी गई. इसके साथ ही 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के अधिवक्ताओं की पेंशन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. इस फैसले से झारखंड के लगभग 30,000 वकीलों को फायदा होगा.

वकीलों के लिए बीमा और भत्ता

राज्य सरकार ने वकीलों के लिए 5 लाख रुपये के मेडिकल बीमा का प्रस्ताव पास किया है, जो देश में पहली बार किया गया है. यह बीमा राज्य के सभी वकीलों को मिलेगा और इसका उद्देश्य वकीलों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से राहत प्रदान करना है. साथ ही, झारखंड सरकार ने नव नामांकित वकीलों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है. सरकार उन्हें उनके शुरुआती करियर के वर्षों में वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए अगले पांच साल तक हर महीने 5,000 रुपये का स्टाइपेंड देगी. इसका मकसद है कि नए वकील अपने शुरुआती दिनों में आर्थिक समस्याओं का सामना किए बिना अपने पेशे में मजबूती से बने रह सकें.

पेंशन में बढ़ोतरी

इसके अलावा, राज्य सरकार ने 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के वकीलों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की है. अब उन्हें 7,000 रुपये की जगह 14,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी. इस फैसले से वरिष्ठ वकीलों को अपने जीवनयापन में आर्थिक सहायता मिलेगी.

वकीलों के संगठनों की सराहना

राज्य सरकार के इन फैसलों की वकीलों के विभिन्न संगठनों ने सराहना की है. उनका कहना है कि इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी और वकीलों का मान-सम्मान भी बढ़ेगा. झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1.5 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी दी जाएगी, जिससे वकीलों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस निर्णय को वकीलों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने सभी नए वकीलों को पांच साल तक मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया है, जिससे उन्हें इस पेशे में टिके रहने की ताकत मिलेगी.

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