नक्सलवाद पर काबू पाने के लिए झारखंड की हेमंत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है| इस दिशा में सरकार ऐसी नीति अपना रही कि मुख्यधारा से भटके लोग वापस समाज से जुड़ कर राज्य के नवनिर्माण में सहयोग करें| इसके तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण का विकल्प देकर उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराने हेतु हुनरमंद बनाने की पहल की जा रही है| वर्ष 2020 में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के सरेंडर करने वाले 14 उग्रवादियों को सरकार ने प्रत्यार्पण और पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास अनुदान की राशि देने के प्रस्ताव को स्वीकृति भी दे दी है|
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को अनुदान..
पुनर्वास अनुदान के रुप में आत्मसमर्पण करने वाले इन उग्रवादियों में से तीन को 4 – 4 लाख रुपये, नौ उग्रवादियों को 2-2 लाख रुपये और दो उग्रवादियों को 1-1 लाख रुपये की राशि का भुगतान दिया जा रहा है| इन उग्रवादियों में 11 भाकपा माओवादी, 2 पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) का नक्सली और एक तृतीय प्रस्तुति कमिटी (टीपीसी) का सदस्य है| इसके अतिरिक्त दर्जन भर से अधिक अन्य आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को दो-दो लाख की राशि दी गई है|
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं का कौशल विकास..
दूसरी तरफ उग्रवाद प्रभावित जिलों में युवाओं के लिये कौशल विकास की योजना तैयार की गई है| इसके तहत रांची, खूंटी, रामगढ़, सिमडेगा, दुमका एवं गिरिडीह में एक आईटीआई निर्माण के लिये सरकार मे 34 करोड़ खर्च की स्वीकृति दी है| इससे युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने में मदद मिलेगी |
279 नक्सलियों के खिलाफ पुरस्कार घोषणा..
राज्य सरकार ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पीएलएफआई के फरार चल रहे छह सक्रिय नक्सलियों की गिरफ्तारी को लेकर नए पुरस्कार राशि की घोषणा की है| 120 नक्सलियों के विरुद्ध पहले से घोषित ईनाम राशि को कायम रखते हुए पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी करने से संबंधित प्रस्ताव को भी सरकार ने मंजूरी दे दी| वर्तमान में प्रदेश में 279 नक्सलियों के खिलाफ पुरस्कार घोषित है|
एनआईए के लिए विशेष न्यायालय का गठन..
मुख्यमंत्री ने झारखंड में विशेष न्यायालय के गठन संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के तहत आतंकवादी/ वामपंथी उग्रवादी से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए रांची में एक विशेष न्यायालय का गठन किया जाएगा| सीबीआई की तरह अब एनआईए के विशेष न्यायालय का गठन होगा|
मृतकों के आश्रितों के लिए अनुग्रह भुगतान..
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उग्रवादी हिंसा में मारे गए लोगों के आश्रितों को अनुग्रह भुगतान संबंधित मंजूरी दी| इसके तहत मृतक संदीप एक्का के आश्रित पिता पीटर एक्का को एक लाख रुपए की राशि अनुग्रह अनुदान के रुप में भुगतान करने तथा आश्रित बहन ख्रीस्त प्रिया एक्का को अनुकंपा के आधार पर राज्य सरकार की तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति के प्रस्ताव को स्वीकृति दी| इसी तरह पश्चिमी सिंहभूम जिला के कराईकेला थाना क्षेत्र स्थित टेन्टाईपोदा गांव के रहने वाले मृतक अजीत कुमार महतो के आश्रित भाई अजय महतो को एक लाख रुपए अनुग्रह भुगतान करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है|
शहीदों के आश्रितों को सम्मान..
नक्सली मुठभेड़ में घायल हुए सीआरपीएफ के आठ जवानों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान, सीमा सुरक्षा बल के शहीद आरक्षी जमशेदपुर निवासी स्वर्गीय किशन कुमार दुबे के आश्रित भाई जयशंकर दुबे को अनुकंपा के आधार पर तृतीय वर्ग के पद पर नियुक्ति, उग्रवादी हिंसा में शहीद सीमा सुरक्षा बल के 114 वीं बटालियन के जवान स्वर्गीय इसरार खान की आश्रित माता खेरून निशा को 10 लाख रुपए विशेष अनुग्रह अनुदान भुगतान और आश्रित भाई को तृतीय वर्ग के पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई| उग्रवादियों से मुकाबले में घायल हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए बतौर अनुग्रह अनुदान देने पर अपनी सहमति दी है|