झारखंड सरकार राज्य के खनिजों पर सेस की दर बढ़ाने की तैयारी में है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में सेस से 3500 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा है। इसके तहत खनिजों पर सेस में 12.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की योजना बनाई गई है। आगामी बजट सत्र में इस संशोधन विधेयक को पेश करने की तैयारी की जा रही है।
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राजस्व वृद्धि के प्रयास
झारखंड सरकार खनिजों पर सेस बढ़ाकर अधिक राजस्व संग्रह करना चाहती है। खान विभाग द्वारा अक्टूबर 2024 से 10 फरवरी 2025 तक कुल 907 करोड़ रुपये का सेस संग्रह किया गया है। इस आंकड़े के आधार पर सरकार ने खनिज धारित भूमि पर सेस बढ़ाने का निर्णय लिया है।
वित्तीय लक्ष्य
झारखंड सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में खनिज धारित भूमि से 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक राजस्व एकत्र करना है। सरकार का मानना है कि सेस की दर में वृद्धि से राज्य को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाया जा सकेगा तथा विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।
बजट सत्र में संशोधन प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार, आगामी बजट सत्र में झारखंड सरकार खनिज सेस में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश करेगी। यदि यह संशोधन पारित हो जाता है, तो खनिजों पर लागू सेस की दरों में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। सरकार का कहना है कि यह वृद्धि राज्य के आर्थिक विकास को गति देने और खनन क्षेत्र से अधिकतम लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
विपक्ष और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
खनिज सेस में बढ़ोतरी को लेकर विभिन्न खनन कंपनियों और उद्योगपतियों की मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ उद्योग संगठनों का कहना है कि इससे उत्पादन लागत बढ़ सकती है और खनन क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि बढ़े हुए राजस्व का उपयोग राज्य के बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण योजनाओं को मजबूत करने में किया जाएगा।
झारखंड सरकार की यह पहल राज्य की आर्थिक मजबूती के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि, इसे संतुलित तरीके से लागू करने की आवश्यकता होगी ताकि खनन उद्योग पर अत्यधिक वित्तीय दबाव न पड़े। अब देखना होगा कि आगामी बजट सत्र में यह प्रस्ताव कितनी सहजता से पारित होता है और इसका उद्योग व राज्य की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।