भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच झारखंड सरकार अलर्ट, सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द…..

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि झारखंड के सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं. साथ ही, सभी डॉक्टरों को अपने-अपने कार्यस्थलों पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो वे स्वयं डॉक्टरों के साथ बॉर्डर इलाके में जाकर चिकित्सा सेवाओं का नेतृत्व करेंगे. डॉ अंसारी ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए झारखंड का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि झारखंड देश के हर संकट की घड़ी में तैयार है और हर मोर्चे पर देश का साथ देने को तत्पर है.

हाई अलर्ट पर राज्य के सिविल सर्जन और जिला अस्पताल

डॉ इरफान अंसारी ने जानकारी दी कि झारखंड के सभी जिलों के सिविल सर्जनों और सरकारी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहें. प्रत्येक जिले में मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, एंबुलेंस और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी रखी जा रही है. साथ ही, सभी चिकित्सकों को अपनी ड्यूटी पर सख्ती से बने रहने को कहा गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि वे लगातार निगरानी रखें और स्थिति के अनुसार त्वरित निर्णय लें. किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

आर्मी कैंप क्षेत्र में विशेष तैयारी

डॉ अंसारी ने बताया कि झारखंड में स्थित आर्मी कैंप क्षेत्रों में विशेष तैयारियां की गई हैं. इन क्षेत्रों के अस्पतालों को अतिरिक्त बजट और संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं ताकि सेना के जवानों को किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता में कोई बाधा न आए. इसके अलावा, मेडिकल स्टाफ की विशेष टीमों को तैयार रखा गया है, जो जरूरत पड़ने पर तत्काल सेवा दे सकें. उन्होंने यह भी कहा कि इन आर्मी क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं और फील्ड हॉस्पिटल्स की स्थापना की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. मेडिकल किट्स, खून की यूनिट्स, सर्जिकल उपकरण और विशेष दवाइयों की अतिरिक्त स्टॉकिंग की जा रही है.

बॉर्डर पर जाकर नेतृत्व करेंगे डॉ अंसारी

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सीमा पर हालात बिगड़ते हैं और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, तो झारखंड से डॉक्टरों की टीम बॉर्डर इलाके में भेजी जाएगी. डॉ अंसारी ने यह भी घोषणा की कि वे स्वयं डॉक्टरों के साथ बॉर्डर पर जाएंगे और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक मेडिकल सहायता नहीं है, यह एक राष्ट्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है. हम हर संकट की घड़ी में देश के साथ खड़े हैं. हम सिर्फ शब्दों से नहीं, अपने कर्मों से यह साबित करेंगे कि झारखंड पीछे नहीं हटेगा.“

राज्य सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय

डॉ अंसारी की यह तत्परता और फैसले लेने की क्षमता राज्य सरकार की संवेदनशीलता और सजगता को दर्शाती है. भारत-पाकिस्तान तनाव के इस दौर में जहां देश की सीमाओं पर जवान मोर्चा संभाले हुए हैं, वहीं झारखंड जैसे राज्य भी अपने स्तर पर पूरी तैयारी में जुटे हैं. स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार किसी भी हालात में चिकित्सा व्यवस्था को कमजोर नहीं होने देना चाहती. डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर देना, उन्हें हाई अलर्ट पर रखना और खुद नेतृत्व करने की घोषणा करना, यह दर्शाता है कि सरकार गंभीर है और देश के साथ हर कदम पर खड़ी है.

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