झारखंड सरकार के कृषि विभाग ने किसानों तक कृषि सम्बन्धी सभी सुविधाएं आसानी से पहुंचें उसके लिए सभी किसानों को यूनिक आइडेंटीफिकेशन नंबर (UID) अलॉट करने का निर्णय लिया है। फिलहाल विभाग ने किसानों को ‘सीड टोकन’ अलॉट करना शुरू कर दिया है। इसमें किसी किसान को अलॉट किए गए टोकन नंबर से उसकी जानकारी उपलब्ध की जा सकती है जैसे बांटे गए बीजों की जानकारी, किसान के पास मौजूद जमीन, उसका आधार नंबर, फोन नंबर व कई अन्य जानकारियाँ।
आने वाले दिनों में विभाग सभी किसानों को आधार कार्ड की तर्ज पर डिजिटल-चिप-आधारित-कॉर्ड और UID संख्या जारी करने जा रही है। UID नंबर से, संबंधित किसान और सरकार के बीच होने वाली सभी लेन-देन की जानकारियां, हासिल की जा सकेंगीं। यह UID ‘सीड टोकन’ का ही विस्तारित रूप होगा।
UID प्रणाली की मदद से किसी भी वर्तमान समय पर किसानों का सत्यापन किया जा सकेगा की वो असली किसान हैं या नकली। इस तरह कोशिश की जायेगी कि कोई भी असल जरूरतमंद किसान सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित ना रह जाए। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार राज्य में 35 लाख किसान हैं।
राज्य कृषि निर्देशक निशा उरांव ने बताया कि सरकार ने ये कदम पारदर्शिता बढ़ाने व नकली किसानों(घोस्ट फार्मर्स) से मुक्ति पाने के लिए लिया है। इस कदम से कृषि योजनाओं में होने वाली धांधलियों से छुटकारा मिलेगा। झारखंड सरकार ने इस साल मॉनसून से कई सप्ताह पहले ही 12 मई से खरीफ के बीज बांटने शुरू कर दिए थे। कृषि निर्देशक ने बताया कि 43,483 क्विंटल बीज के ऑर्डर जारी किए गए थे जिसमें से 18,000 बांटे जा चुके हैं। राज्य सरकार को इस साल अच्छे खरीफ उपज की उम्मीद है क्योंकि अच्छी फसल के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं तथा विभाग किसानों को पहले से ही सभी सुविधाएं समयानुसार उपलब्ध करा रहा है।
निशा उरांव ने बताया कि शुरुआती रिपोर्टों से ऐसा लग रहा है जैसे कुछ जिलों जैसे लातेहार और कोल्हान में रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है। विभाग यास तूफान से फसलों को हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा कर रहा है ताकि संबंधित विभाग द्वारा उचित मुआवजे की व्यवस्था की जा सके।