कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए देशभर में तैयारियां चल रही हैं। सेकंड वेव के दौरान हुई मुश्किलों से सबक सीखते हुए इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। इसी कड़ी में झारखंड सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। कई अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की सुविधा मुहैया करा दी गई है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि हमने COVID 19 की संभावित तीसरी लहर के लिए व्यवस्था की है। राज्य के अस्पतालों में बच्चों के लिए वेंटिलेटर लगाए गए हैं। झारखंड में लगभग 76 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, इसलिए हम उनकी उपेक्षा नहीं कर सकते। हम सभी चीजों पर ध्यान दे रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं।
इधर रांची के सीएमओ डॉ विनोद कुमार ने बताया कि हमने पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) और नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) वार्ड बनाए हैं। हमारे पास पीआईसीयू वार्ड में 27 आईसीयू और 24 एचडीयू बेड हैं। यदि आवश्यक हो, तो हम एनआईसीयू वार्ड के रूप में 16-बेड वाली विशेष नवजात देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) का उपयोग करेंगे।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमारे पास वयस्कों के लिए 50 बिस्तरों वाला आईसीयू है। 250 सामान्य बेड भी हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर COVID वार्ड में बदला जा सकता है। सभी बिस्तरों में पाइपलाइन समर्थित ऑक्सीजन है। हमें 11 से 12 बाल रोग विशेषज्ञों की जरूरत है लेकिन अभी हमारे पास केवल 7 हैं। हमने इस संबंध में विभाग को पत्र लिखा है।
बता दें कि झारखंड में 1 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। कोविन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड के 1 करोड़ 57 हजार (26.4%) लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है। वहीं 25.35 लाख (6.6%) लोगों को ही दोनों डोज दी गई है। हालांकि, राज्य में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार धीमी बनी हुई है। रोजाना औसतन 50 से 60 हजार लोगों को ही वैक्सीन दी जा रही है। इस लिहाज से राज्य के करीब 3.70 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज देने में अभी कम से कम और छह महीने लगेंगे। अभी देश में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लगी हैं।