झारखंड को पहली बार निर्वाचन प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर “बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट” का राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को इस सम्मान से नई दिल्ली के जोरावर ऑडिटोरियम, मानेकशॉ सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह के दौरान सम्मानित किया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जताया आभार
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने राज्य के सभी मतदाताओं, निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े बीएलओ, मतदान कर्मियों, पुलिस बल, सुरक्षा बल, राजनीतिक दलों और मीडिया का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान सभी स्टेकहोल्डर्स के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। उन्होंने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 को भी स्वच्छ, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की प्रतिबद्धता जताई।
क्यों मिला झारखंड को यह सम्मान?
- झारखंड ने पिछले वर्ष हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कई नवाचार किए, जिससे राज्य की निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक समावेशी और पारदर्शी बनाया गया।
- मतदाता सूची पुनरीक्षण: बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन किया गया और त्रुटियों को शून्य स्तर तक लाने की कोशिश की गई।
- पीवीटीजी मतदाताओं पर विशेष ध्यान: जनजातीय समुदाय के मतदाताओं को सूची में जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए गए।
- सुगम मतदान के प्रयास: मतदान केंद्रों पर न्यूनतम आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, पानी, शौचालय, व्हीलचेयर और रैंप की व्यवस्था की गई।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति: पहली बार नक्सल प्रभावित इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग: मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग सुनिश्चित किया गया।
मतदाता जागरूकता में उल्लेखनीय कार्य
मतदाता जागरूकता अभियान के तहत सोशल मीडिया पर हैशटैग अभियान और स्वीप कार्यक्रम आयोजित किए गए। बूथ लेवल अवेयरनेस ग्रुप के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के प्रति प्रेरित किया गया। महिला मतदाताओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
शांतिपूर्ण और सफल निर्वाचन की मिसाल
लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान संपन्न हुआ। मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई और यह राज्य के निर्वाचन इतिहास में एक नया अध्याय बना।
यह सम्मान झारखंड की निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता, समावेशिता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी