झारखंड को मिली बड़ी सौगात, एसएनएमएमसीएच में बनेगा शिशु रोग विभाग का अलग इमरजेंसी वार्ड

धनबाद: झारखंड के चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल होने जा रही है। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में शिशु रोग विभाग (पीडियाट्रिक) के लिए अलग से इमरजेंसी वार्ड का निर्माण किया जाएगा। इस सुविधा के तहत गंभीर शिशुओं को विशेष चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

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एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने शिशु रोग विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स शुरू करने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) को आवेदन दिया है। एनएमसी की गाइडलाइन के अनुसार, पीजी कोर्स उन्हीं संस्थानों में शुरू किया जा सकता है, जहां शिशु रोग विभाग का अलग इमरजेंसी वार्ड संचालित हो। इसी को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इस प्रस्ताव को स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग को भेजा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वित्तीय वर्ष के बाद इस योजना को मंजूरी मिल सकती है।

वर्तमान में नहीं है अलग व्यवस्था

फिलहाल, एसएनएमएमसीएच में गंभीर शिशुओं के लिए अलग से कोई विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। गंभीर रूप से बीमार नवजातों को न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) और स्पेशल इंटेंसिव केयर यूनिट (एसआईसीयू) में भर्ती किया जाता है। वहीं, अधिक गंभीर स्थिति होने पर मरीजों को रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया जाता है। इसके अलावा, अस्पताल में चिकित्सा उपकरणों और संसाधनों की भी कमी है, जिससे शिशुओं को बेहतर उपचार देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नवीन पीडियाट्रिक इमरजेंसी से मिलने वाली सुविधाएं

शिशु रोग विभाग के नए इमरजेंसी वार्ड में बच्चों और नवजातों की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्याओं का त्वरित इलाज किया जाएगा। इस विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों और प्रशिक्षित नर्सों की टीम नियुक्त की जाएगी, जो शिशुओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इलाज प्रदान करेगी। इस इमरजेंसी वार्ड में निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध होंगी:

  • सांस लेने में परेशानी, दिल की समस्याओं और गंभीर चोटों का इलाज
  • निमोनिया, मेनिन्जाइटिस और डायरिया जैसी बीमारियों का आपातकालीन उपचार
  • पीडियाट्रिक विशेषज्ञों जैसे पीडियाट्रिशियन, नियोनेटोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक सर्जन और एनेस्थेटिस्ट की तैनाती

नेत्र रोग विभाग को पीजी ब्लॉक में शिफ्ट करने की योजना

एसएनएमएमसीएच प्रशासन ने नेत्र रोग विभाग को पीजी ब्लॉक परिसर में स्थानांतरित करने की भी योजना बनाई है। वर्तमान में इस विभाग की ओपीडी सेवा पीजी ब्लॉक में संचालित हो रही है, जबकि इंडोर सेवाएं और ऑपरेशन थिएटर (ओटी) पुराने भवन में स्थित हैं। नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने इस विभाग को पूरी तरह पीजी ब्लॉक परिसर में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने प्राचार्य डॉ. एस.के. चौरसिया और अधीक्षक डॉ. दिनेश कुमार गिंदौरिया को यह प्रस्ताव सौंपा है।

चिकित्सा सुविधा में होगा व्यापक सुधार

एसएनएमएमसीएच में शिशु रोग विभाग के लिए अलग इमरजेंसी वार्ड और नेत्र रोग विभाग के स्थानांतरण से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। इस पहल से न केवल गंभीर शिशुओं को त्वरित इलाज मिलेगा, बल्कि पूरे राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूती मिलेगी। अब सभी की निगाहें सरकार की मंजूरी पर टिकी हैं, जिससे इस महत्वपूर्ण योजना को अमलीजामा पहनाया जा सके।

 

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