झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. राज्य में चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इसी महीने पार्टी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठकें
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड दौरे के दौरान दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकें की. इन बैठकों में राज्य की राजनीतिक स्थिति और चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई. यह बैठकें इस बात का संकेत हैं कि भाजपा झारखंड में अपनी स्थिति को मजबूत करने और आगामी चुनावों में जीत हासिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
उम्मीदवारों की घोषणा जल्द
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की योजना है कि इस महीने के अंत तक विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी जाए. पार्टी के नेताओं का कहना है कि उम्मीदवारों की घोषणा समय से पहले करने का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देना है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस महीने के अंत तक पार्टी की ओर से पहली सूची आ सकती है.
हेमंत बिस्वा सरमा का दौरा
भाजपा के विधानसभा सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा 10 अगस्त को रांची आ रहे हैं. उनके इस दौरे का उद्देश्य चुनाव से पहले पार्टी की स्थिति का जायजा लेना और रणनीति पर चर्चा करना है. हेमंत बिस्वा सरमा के इस दौरे से पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और उन्हें चुनावी तैयारियों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश मिलेंगे.
सीटों का बंटवारा
झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से भाजपा के लिए 28 सीटें सुरक्षित मानी जा रही हैं. पार्टी ने इन सीटों पर प्रत्याशियों के चयन के लिए गहन मंथन किया है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के चयन के लिए व्यापक सर्वेक्षण और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का आकलन किया है. इस बार पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने का फैसला किया है.
गठबंधन और सहयोगी दल
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने झारखंड में अपने सहयोगी दलों के साथ भी बातचीत की है. भाजपा का लक्ष्य है कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर राज्य में एक मजबूत गठबंधन तैयार करे. पार्टी ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाकर ही चुनावी मैदान में उतरा जाएगा, जिससे जीत की संभावना बढ़ सके.
पार्टी का लक्ष्य
भाजपा का मुख्य लक्ष्य राज्य की सत्ता पर कब्जा करना है. इसके लिए पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति को बहुत ही सटीक तरीके से तैयार किया है. पार्टी का मानना है कि झारखंड में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के लिए संगठन के सभी स्तरों पर समर्पित कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम होगी. इसके लिए पार्टी ने राज्य के सभी जिलों में कार्यकर्ताओं की बैठकें आयोजित की हैं, जहां उन्हें चुनावी रणनीति और प्रचार के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी गई है.
हेमंत सोरेन की चुनौतियां
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार को घेरने के लिए भाजपा ने कई मुद्दों को उठाया है. पार्टी ने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, और कानून व्यवस्था की समस्याओं को लेकर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा का मानना है कि इन मुद्दों को लेकर जनता में व्यापक असंतोष है, और इसे चुनावी अभियान में भुनाया जा सकता है.