झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी से पूरी ताकत झोंक दी है. चुनाव को लेकर भाजपा राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रचार अभियान को जोर-शोर से चला रही है. इस प्रचार अभियान के तहत भाजपा ने गांवों, चौक-चौराहों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अपने परचे वितरित करने शुरू कर दिए हैं. इन परचों का मकसद जनता को यह बताना है कि पिछले पांच सालों में राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने उनके लिए कुछ भी ठोस नहीं किया.
भाजपा का प्रचार अभियान: परचों के जरिए हमला
भाजपा ने जो परचा बांटा है, उसका शीर्षक है “परचा मिला क्या?”. इस परचे में राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर किया गया है और बताया गया है कि किस तरह से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पिछले पांच सालों में झारखंड के लोगों को लाभकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला. इससे पहले भाजपा ने इसी मुद्दे को लेकर अखबारों में भी विज्ञापन जारी किए थे, जिनमें हेमंत सरकार के खिलाफ आरोप लगाए गए थे. अब भाजपा ने चौक-चौराहों और गांवों में जाकर परचे बांटने का निर्णय लिया है, जिससे आम जनता को सीधे संदेश दिया जा सके.
भाजपा के परचों में मोदी सरकार की योजनाओं का उल्लेख
भाजपा द्वारा बांटे जा रहे परचों में केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इन परचों में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने झारखंड के कितने परिवारों और लोगों को लाभ पहुंचाया है. इसमें विशेष तौर पर सामाजिक कल्याण, आदिवासी कल्याण, महिला सशक्तिकरण, और युवाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया गया है. भाजपा के अनुसार, केंद्र सरकार ने जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कई योजनाओं के जरिए राज्य के लाखों लोगों की मदद की है. इन योजनाओं की सफलता का श्रेय भाजपा सीधे मोदी सरकार को देती है और इसे झारखंड में लागू न कर पाने के लिए राज्य की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार को जिम्मेदार ठहराती है.
हेमंत सरकार की विफलताओं पर जोर
परचों में भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार की कई वायदों को भी निशाना बनाया है. भाजपा का आरोप है कि हेमंत सरकार ने चुनाव से पहले जनता से बड़े-बड़े वायदे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे वायदे पूरे नहीं हुए. भाजपा का दावा है कि राज्य सरकार ने जनता के हितों के साथ खिलवाड़ किया है और विकास कार्यों में पूरी तरह असफल रही है. इसी के साथ भाजपा यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि अगर झारखंड की जनता फिर से विकास और समृद्धि चाहती है तो उसे भाजपा को समर्थन देना होगा.
हेमंत सरकार का जवाबी हमला: “देखा क्या?” अभियान
भाजपा के परचों के जवाब में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. इसका शीर्षक “देखा क्या?” है. इस अभियान के तहत सरकार यह बताने की कोशिश कर रही है कि राज्य में किए गए विकास कार्यों को जनता ने देखा है या नहीं. हेमंत सरकार अपने इस अभियान के जरिए जनता को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो कि भाजपा के आरोपों के बिल्कुल विपरीत हैं. इस तरह से दोनों पक्षों के बीच एक प्रकार की सियासी जंग शुरू हो गई है, जहां एक तरफ भाजपा हेमंत सरकार पर हमला कर रही है, वहीं दूसरी तरफ हेमंत सरकार भी अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए पलटवार कर रही है.
प्रधानमंत्री मोदी की जमशेदपुर यात्रा
भाजपा के इस प्रचार अभियान को उस समय और बल मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में झारखंड के जमशेदपुर दौरे पर आए. इस दौरान उन्होंने जमशेदपुर में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया. इस सभा में राज्य के कई दिग्गज भाजपा नेता, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी शामिल थे. मोदी की इस यात्रा ने भाजपा के प्रचार अभियान को और धार दे दी है. प्रधानमंत्री के इस दौरे के बाद भाजपा ने राज्य भर में परचा वितरण अभियान को और तेजी से शुरू कर दिया है. इसके तहत एक साथ झारखंड के विभिन्न इलाकों में परचे बांटे जा रहे हैं. इससे भाजपा का यह अभियान और प्रभावशाली हो गया है, क्योंकि इसके जरिए बड़ी संख्या में लोगों तक सीधा संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
चुनावी रणनीति का हिस्सा
झारखंड में भाजपा का यह परचा वितरण अभियान उसकी चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है. भाजपा अपनी इस रणनीति के जरिए जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की कोशिश कर रही है. इसके जरिए भाजपा न केवल अपनी सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचा रही है, बल्कि राज्य सरकार की नाकामियों को भी उजागर करने की कोशिश कर रही है. झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह अभियान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. चुनावी माहौल पहले से ही गर्म है और भाजपा तथा हेमंत सोरेन सरकार के बीच तीखी बयानबाजी जारी है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का यह परचा वितरण अभियान चुनावी नतीजों पर कितना असर डालता है.