झारखंड: ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए ड्रेस कोड हुआ लागू, नीली वर्दी होगी अनिवार्य….

झारखंड सरकार ने राज्य में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू कर दिया है. परिवहन विभाग के निर्देश पर गठित विशेष समिति ने 10 जुलाई को इस ड्रेस कोड की अनुशंसा की थी, जिसे विभाग ने अपनी स्वीकृति दे दी है. नए नियम के तहत पेट्रोल, डीजल, या सीएनजी से चलने वाले ऑटो चालकों को खाकी रंग की वर्दी पहननी होगी, जबकि ई-रिक्शा चालकों को नीले रंग की वर्दी पहननी होगी.यदि कोई चालक इस ड्रेस कोड का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राजधानी रांची में पांच हजार ऑटो को परमिट जारी किया गया है, जबकि ई-रिक्शा को टोकन नगर निगम की ओर से उपलब्ध कराया गया है. वर्तमान में शहर में 15 हजार से अधिक ऑटो का परिचालन हो रहा है.

ड्रेस कोड की आवश्यकता

परिवहन विभाग का मानना है कि इस ड्रेस कोड से न केवल ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की पहचान में सुविधा होगी, बल्कि इससे यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. समिति की अनुशंसा पर यथावत स्वीकृत करते हुए केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 (1988 का 59) की धारा 28 (2)(डी) द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर राज्य में परिचालित ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए खाकी और नीले रंग की वर्दी को अनिवार्य किया गया है.

ड्रेस कोड का पालन और कार्रवाई

जो चालक इस नए ड्रेस कोड का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. राज्य परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना वर्दी के वाहन चलाने पर चालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार उल्लंघन करने पर उनका परमिट भी रद्द किया जा सकता है.

चालक संघों की प्रतिक्रिया

ऑटो और ई-रिक्शा चालक संघों ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका मानना है कि इससे उनके पेशे में एकरूपता और अनुशासन आएगा. हालांकि, कुछ चालकों ने वर्दी के खर्च को लेकर चिंता जाहिर की है. इस पर परिवहन विभाग ने कहा है कि वे वर्दी के खर्च को लेकर चालकों की सहायता करेंगे और इसे सस्ती दरों पर उपलब्ध कराएंगे.

सुरक्षा और सुविधा

ड्रेस कोड लागू करने का एक और उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अक्सर अपराधी ऑटो या ई-रिक्शा चालक बनकर अपराध करते हैं. वर्दी लागू करने से ऐसे अपराधों पर अंकुश लगेगा और वास्तविक चालकों की पहचान आसान होगी.

जनता की प्रतिक्रिया

आम जनता ने भी इस फैसले का स्वागत किया है. कई यात्रियों ने कहा कि इससे उन्हें सुरक्षित महसूस होगा और वे आसानी से पहचान सकेंगे कि कौन असली चालक है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा और यात्रियों का अनुभव बेहतर होगा.

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