झारखंड: ‘मक्खी मारने के लिए बैठक में नहीं आएं’, कृषि मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार…..

झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने रबी फसल की राज्यस्तरीय कार्यशाला के दौरान जिला कृषि पदाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने योजनाओं के कार्यान्वयन और लाभुकों से जुड़ी जानकारी न होने पर अधिकारियों को आड़े हाथों लिया. मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक अधिकारी योजनाओं का सटीक डेटा लेकर न आएं, तब तक बैठक में शामिल न हों. उनके सख्त तेवरों से विभाग में हड़कंप मच गया.

कार्यशाला का उद्देश्य और अधिकारियों को निर्देश

राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी रांची के हेसाग में किया गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य रबी फसल की जानकारी किसानों तक पहुंचाना और उन्नत कृषि की दिशा में कदम बढ़ाना था. विभागीय सचिव अबुबकर सिद्दीख ने कहा कि जमीनी हकीकत समझने और किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन क्षेत्र का दौरा करना होगा. कार्यशाला में मौजूद अधिकारियों से मंत्री ने सवाल किए, लेकिन कई अधिकारी उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. बोकारो जिले के कृषि पदाधिकारी से जब योजनाओं और लाभुकों से संबंधित सवाल पूछा गया तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम खानापूर्ति के लिए नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बैठक में तभी शामिल हों, जब वे पूरी तैयारी के साथ आएं.

गोड्डा के कृषि पदाधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

गोड्डा के जिला कृषि पदाधिकारी की बैठक से अनुपस्थिति पर भी मंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं और उनके लाभार्थियों की जानकारी के बिना बैठक में आना बेकार है. कार्यशाला के दौरान सिमडेगा, धनबाद, दुमका और अन्य जिलों के अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवाल पूछे गए, लेकिन किसी के पास सटीक जवाब नहीं था.

एफपीओ की रिपोर्ट की मांग

सरकार किसान उत्पादक संघों (एफपीओ) को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन, कार्यशाला के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ जगहों पर एफपीओ के नाम पर अनियमितताएं हो रही हैं. ग्रामीण इलाकों में कुछ लोगों को आगे करके इसके पीछे गड़बड़ी की जा रही है. इस पर मंत्री ने सख्त कदम उठाते हुए दुमका के एफपीओ के संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी. उन्होंने कहा कि अब से एफपीओ को दी जाने वाली राशि की निगरानी की जाएगी और पूरी जांच के बाद ही फंड जारी किया जाएगा.

बीज उत्पादन और किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास

कार्यशाला में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) द्वारा तैयार किए गए बीजों पर भी चर्चा हुई. इन बीजों को राज्य के पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है, ताकि किसान अधिक उत्पादन कर सकें. कृषि सचिव ने कहा कि किसानों को इन बीजों का लाभ देने के लिए सभी जिलों में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.

अधिकारियों को सख्त चेतावनी

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कार्यशाला के दौरान अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया कि यह कार्यक्रम केवल औपचारिकता के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन में सुधार लाने और उन्हें योजनाओं का वास्तविक लाभ पहुंचाने के लिए सभी अधिकारियों को गंभीरता से काम करना होगा. सप्ताह में दो दिन क्षेत्र का दौरा करना और 3 जनवरी तक योजनाओं के लाभुकों की रिपोर्ट कृषि निदेशक को भेजना अनिवार्य किया गया है.

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