महिला सुरक्षा के लिए झारखंड ने केंद्र से मांगे 122 करोड़ रुपये

रांची: महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 121.85 करोड़ रुपये की मांग की है। यह प्रस्ताव नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक की अध्यक्षता में आयोजित मिशन शक्ति की प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड (PAB) की बैठक में रखा गया। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल 183.36 करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तुत की हैं, जिनमें से 121.85 करोड़ केंद्रीय सहायता के रूप में मांगे गए हैं।

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इस प्रस्ताव में वन स्टॉप सेंटर, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वूमेन हेल्पलाइन, नारी अदालत, सखी निवास, शक्ति सदन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, और आंगनबाड़ी सह क्रेच जैसे प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।

प्रस्तावित फंडिंग (राशि करोड़ में):

योजना कुल राशि केंद्रीय अंश
पीएम मातृ वंदना योजना 103.15 61.89
आंगनबाड़ी सह क्रेच 31.11 18.67
वन स्टॉप सेंटर 19.98 9.99
एचईडब्ल्यू 10.09 6.06
नारी अदालत 0.15 0.15
सखी निवास 1.26 0.76
शक्ति सदन 8.11 4.87
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ 7.65 7.65
वूमेन हेल्पलाइन 1.84 1.84

मुख्य योजनाओं का उद्देश्य:

  • वन स्टॉप सेंटर: महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई, उनके अधिकारों की रक्षा। वर्तमान में रांची, पूर्वी सिंहभूम और धनबाद में संचालित हैं। अब और पांच जिलों में सेंटर खोलने की स्वीकृति मिल चुकी है।

  • सखी निवास: कार्यरत महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास, भोजन और बच्चों के लिए डे-केयर की सुविधा। खूंटी और रांची में पहले से संचालित, चार नए निवासों को मंजूरी मिल चुकी है।

  • वूमेन हेल्पलाइन: महिलाओं को हिंसा या प्रताड़ना की स्थिति में तत्काल सहायता। रांची के नामकुम में कंट्रोल रूम कार्यरत है।

  • शक्ति सदन: कठिन परिस्थितियों में रह रही महिलाओं को संस्थागत सहायता और अवैध गतिविधियों से मुक्ति दिलाने के लिए। वर्तमान में 12 शक्ति सदन की स्वीकृति मिली है, जिनमें एक रांची में चल रहा है।

  • आंगनबाड़ी सह क्रेच: बच्चों के पोषण और विकास के लिए सुरक्षित वातावरण। 1024 केंद्र खोलने का लक्ष्य, जिनमें से अभी 81 संचालित हैं।

  • हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वूमेन (HEW): राज्य व जिला स्तर पर मिशन शक्ति के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना।

बकाया राशि:

राज्य सरकार ने यह भी बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वूमेन हेल्पलाइन और शक्ति सदन की योजनाओं के तहत 4.27 करोड़ रुपये की राशि अभी बकाया है। यानी कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 179.09 करोड़ रुपये की जरूरत है, जिसमें केंद्र से 121.85 करोड़ का सहयोग अपेक्षित है।

सरकार को उम्मीद है कि केंद्र से जल्दी ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी ताकि महिला सुरक्षा से जुड़े इन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।

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