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झारखंड: सहायक शिक्षक भर्ती में पड़ोसी राज्यों से CTET पास अभ्यर्थियों को अनुमति नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला रद्द किया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें पड़ोसी राज्यों से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) या शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करने वाले झारखंड के निवासियों को राज्य में सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला

न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि झारखंड के महाधिवक्ता द्वारा दी गई रियायत के आधार पर हाईकोर्ट का निर्णय, भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव करने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि CTET या अन्य राज्यों के TET धारकों, जिन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले या नियमों में संशोधन के बाद आवेदन किया था, वे 2023 की भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।

हाईकोर्ट ने दिया था यह फैसला

झारखंड हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य ने कई वर्षों से राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) आयोजित नहीं की है, जिससे झारखंड के कई उम्मीदवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हर साल STET आयोजित करने का निर्देश भी दिया था। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि झारखंड सरकार द्वारा परीक्षा आयोजित न करने और CTET को समकक्ष मान्यता न देने की वजह से करीब 3-4 लाख उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। इस पर हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि अन्य राज्यों से CTET या TET पास करने वाले झारखंड निवासी उम्मीदवार भी सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

राज्य सरकार का रुख

सुप्रीम कोर्ट में झारखंड के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार CTET धारकों के लिए पात्रता मानदंड में ढील देने को तैयार थी, बशर्ते कि वे नियुक्ति के तीन साल के भीतर STET पास कर लें और झारखंड के निवासी हों। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को रद्द कर दिया और साफ कर दिया कि भर्ती प्रक्रिया में केवल झारखंड राज्य के STET पास उम्मीदवारों को ही शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद झारखंड में सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में केवल राज्य के STET धारक उम्मीदवार ही भाग ले सकेंगे। यह फैसला उन उम्मीदवारों के लिए झटका साबित हो सकता है, जो पड़ोसी राज्यों से CTET या TET पास करके झारखंड में नौकरी की उम्मीद कर रहे थे। वहीं, झारखंड सरकार पर अब STET को नियमित रूप से आयोजित करने की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है, जिससे स्थानीय अभ्यर्थियों को पर्याप्त अवसर मिल सके।

 

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