रांची: कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नए प्रभारी के रूप में के राजू की नियुक्ति की है। वे गुलाम अहमद मीर की जगह लेंगे। के राजू लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विश्वस्त सहयोगी माने जाते हैं और उनकी कोर टीम का हिस्सा भी हैं।
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के राजू का प्रशासनिक अनुभव
के राजू आंध्र प्रदेश कैडर के 1981 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2013 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। यूपीए सरकार के कार्यकाल में वे सोनिया गांधी के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सचिव रहे। सूचना का अधिकार , शिक्षा का अधिकार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और खाद्य सुरक्षा कानून के ड्राफ्ट तैयार करने में उनकी अहम भूमिका रही है।
झारखंड कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि के राजू को झारखंड में पार्टी को मजबूत करने और कोर एजेंडे को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
हाल ही में पार्टी के आलाकमान ने झारखंड के सभी मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली बुलाकर बैठक की थी। इस बैठक में कोर एजेंडे पर फोकस करने की हिदायत दी गई थी। के राजू को जातीय जनगणना और चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में प्रभावी कार्ययोजना बनानी होगी।
कांग्रेस नेतृत्व ने अन्य राज्यों के लिए भी नए प्रभारियों की नियुक्ति की है:
- छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पंजाब का प्रभारी महासचिव बनाया गया।
- डा. सैदर नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया।
- रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की जिम्मेदारी दी गई।
- बीके हरिप्रसाद को हरियाणा, हरिश चौधरी को मध्य प्रदेश, गिरीश चोडणकर को तमिलनाडु और पुडुचेरी का प्रभारी बनाया गया।
- अजय कुमार लुलु को ओडिशा, मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना, सप्तगिरी शंकर उल्का को मणिपुर, त्रिपुरा और सिक्किम तथा कृष्णा अलावारु को बिहार की जिम्मेदारी दी गई।
झारखंड में कांग्रेस की राह
झारखंड में कांग्रेस गठबंधन सरकार का हिस्सा है, लेकिन पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने की आवश्यकता है। के राजू के नेतृत्व में संगठन को अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने की उम्मीद की जा रही है। जातीय जनगणना, रोजगार और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर कांग्रेस को मजबूती से काम करना होगा।