झारखण्ड सरकार ने छठ पूजा को लेकर जारी किये अपने पहले के दिशा निर्देश को वापस लेते हुए नदी, तालाबों के किनारे छठ पूजा की अनुमति दे दी है। इस विषय में झारखण्ड आपदा प्रबंधन की ओर से संशोधित आदेश जारी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में यह फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने बयान में कहा की, “जनभावना को ध्यान में रखते हुए नदी, तालाबों के किनारे छठ पूजा की छूट दी गई है, मगर दो गज दूरी के सोशल डिस्टैन्सिंग, मास्क और सेनिटाइज़शन अनिवार्य होगा”।
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने जनता से आग्रह किया कि वे यथासंभव अपने घरों में ही छठ महापर्व मनाने की कोशिश करें ताकि कोरोना महामारी के फैलने का खतरा ना हो।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि “छठ के महापर्व को बड़ी संख्या में लोग मनाते हैं, ऐसे में जान भावनाओं का ख़्याल रखते हुए सुरक्षित माहौल में नदियों, तालाबों, डैम इत्यादि में अर्ध्य देने क लिए पहले से जारी किये गए दिशा निर्देशों में आंशिक संशोधन किया जायेगा”।
राज्य आपदा प्रबंधन के रविवार देर रात के दिशा निर्देश के बाद राज्य में राजनीति गरमा गयी थी। पक्ष-विपक्ष सभी इस दिशा-निर्देश का विरोध कर रहे थे। ऐसे में रविवार के आदेश में संशोधन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि “यह जन भावनाओं की, लोक आस्था के पर्व के श्रद्धालुओं की और पूजा समितियों की जीत है।