झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के तहत लाभुकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अगस्त 2024 में शुरू हुई इस योजना ने अब तक 58 लाख से अधिक लाभुकों को कवर कर लिया है. जनवरी 2025 तक, इस योजना में कुल 16.99 लाख नए लाभुक जोड़े गए हैं. दिसंबर 2024 तक लाभुकों की संख्या 56.61 लाख थी, जो छह जनवरी 2025 को बढ़कर 58.09 लाख हो गई. अब जनवरी के अंत तक लाभुकों की संख्या 59 लाख से अधिक होने की संभावना है.
योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीब, वंचित, और जरूरतमंद नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. योजना के तहत लाभार्थियों को प्रतिमाह राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है.
आवेदन और सत्यापन प्रक्रिया
योजना में शामिल होने के लिए आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड कार्यालयों और शहरी क्षेत्रों में अंचल कार्यालयों में जमा किए जा रहे हैं. इन आवेदनों की ऑनलाइन एंट्री की जाती है. अब तक कुल 67.84 लाख आवेदन जमा हुए हैं, जिनमें से 58.09 लाख आवेदन सत्यापित हो चुके हैं. शेष आवेदनों का सत्यापन प्रक्रिया में है.
सत्यापन में गड़बड़ियां
सत्यापन के दौरान कई ऐसी गड़बड़ियां भी सामने आई हैं, जहां अपात्र व्यक्तियों ने योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया था. ऐसे मामलों में संबंधित जिलों के समाज कल्याण निदेशालय ने इन आवेदकों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
जिलावार लाभुकों की संख्या में वृद्धि
राज्य के छह जिलों- रांची, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम और पलामू में लाभुकों की संख्या 24 लाख से अधिक हो चुकी है. अगस्त 2024 से जनवरी 2025 तक जिलावार लाभुकों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. कुछ प्रमुख जिलों की संख्या निम्न हैं.
जिलावार लाभुकों की संख्या (अगस्त 2024 से जनवरी 2025):
• रांची: 3,31,331 से बढ़कर 4,68,100
• धनबाद: 2,63,751 से बढ़कर 3,85,526
• गिरिडीह: 2,96,117 से बढ़कर 4,90,434
• बोकारो: 2,66,639 से बढ़कर 3,71,235
• पूर्वी सिंहभूम: 2,18,589 से बढ़कर 3,08,336
• पलामू: 2,75,089 से बढ़कर 3,80,172
छह जनवरी को हुई राशि ट्रांसफर
छह जनवरी 2025 को राज्य सरकार ने योजना के तहत लाभुकों को दिसंबर 2024 की राशि ट्रांसफर की. जनवरी के लाभार्थियों की संख्या में और वृद्धि की संभावना है, जिसका अंतिम आंकड़ा राशि ट्रांसफर से पहले जारी किया जाएगा.
योजना के लाभ और चुनौतियां
इस योजना ने लाखों जरूरतमंदों को आर्थिक संबल प्रदान किया है. हालांकि, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान सामने आ रही गड़बड़ियों ने सरकार के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. इन गड़बड़ियों को दूर करने और योजना का सही लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं.
समाज कल्याण विभाग की भूमिका
इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए समाज कल्याण निदेशालय और जिलास्तरीय कार्यालयों को जिम्मेदारी दी गई है. आवेदन सत्यापन से लेकर धनराशि ट्रांसफर तक हर स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है.