झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) का आयोजन रविवार को समाप्त हो गया. यह परीक्षा राज्य भर में 2025 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित की गई थी. परीक्षा की आंसर-की सितंबर के अंतिम सप्ताह में जारी होने की उम्मीद है. इस परीक्षा के दौरान झारखंड में पहली बार इंटरनेट सेवा को दो दिनों तक बंद रखा गया, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके.
उपस्थिति में वृद्धि
परीक्षा के दूसरे दिन, रविवार को, अभ्यर्थियों की उपस्थिति में बड़ा उछाल देखा गया. रांची जिले में उपस्थिति प्रतिशत पहले दिन की तुलना में दोगुने से भी अधिक हो गई. जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) विनय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि पहले दिन शनिवार को जहां 31.88% अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे, वहीं दूसरे दिन यह आंकड़ा 67.26% तक पहुंच गया. रांची जिले में रविवार को 61,236 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी, जिनमें से 41,186 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए. राज्य के 823 परीक्षा केंद्रों और रांची के 131 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी.
अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने साझा किया कि रीजनिंग सेक्शन ने उन्हें उलझा दिया था, जिससे प्रश्नों को हल करने में अधिक समय लग गया. साथ ही, गणित के सवाल भी कठिन साबित हुए और उन्हें हल करने में अधिक समय लगा. अभ्यर्थी अभय कुमार, जिन्होंने जिला स्कूल केंद्र पर परीक्षा दी, ने बताया कि सवालों का स्तर काफी अच्छा था और प्रश्न झारखंड से संबंधित भी थे. एक अन्य अभ्यर्थी, अनिरुद्ध सिन्हा, ने भी बताया कि गणित के सवालों को हल करने में अपेक्षित से अधिक समय लगा.
परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्थाएं
रविवार को सुबह 6 बजे से ही परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने लगे थे. सात बजे से उनकी जांच शुरू हो गई थी, जिसमें बायोमैट्रिक उपस्थिति और अन्य आवश्यक जांचें शामिल थीं. इसके बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा हॉल में प्रवेश की अनुमति दी गई. सेंट जॉन्स स्कूल समेत अन्य केंद्रों पर अभ्यर्थी कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. हालांकि, इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण कई अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र का लोकेशन ढूंढने में परेशानी हुई. साथ ही, परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए ऑटो चालकों ने मनमाना किराया वसूला, जिससे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ सहना पड़ा.
पेपर लीक कांड का प्रभाव
इससे पहले, इसी साल 28 जनवरी को सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक होने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. इसके बाद चार फरवरी को होने वाली परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया था. पेपर लीक की घटना के बाद, अभ्यर्थियों ने जेएसएससी कार्यालय, नामकुम के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. इस घटना के चलते तत्कालीन जेएसएससी चेयरमैन नीरज सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस बार की परीक्षा को निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने के लिए कड़े कदम उठाए गए थे. इसके तहत दो दिन तक इंटरनेट सेवा को बंद रखने का निर्णय लिया गया, ताकि किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधियों को रोका जा सके.