लातेहार जिले के मननचोटांग निवासी मालती चौधरी, जो एक सीनियर सिटीजन एवं अनुसूचित जाति (पासी) की विधवा महिला हैं, न्याय की गुहार लगा रही हैं. उन्होंने अपने खतियान आधारित जमीन पर अवैध कब्जे और प्रशासन की लापरवाही को लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
क्या है पूरा मामला?
मालती चौधरी के अनुसार, उनके पिता स्वर्गीय नन्हक चौधरी को वर्ष 1950-51 में बंदोबस्ती नंबर 626 के तहत सीएस खाता नंबर 43, प्लॉट नंबर 6/1100 मिला था. इसके अलावा, उनके पास आरएस खाता नंबर 160, प्लॉट नंबर 418 और 2037 (रकवा 0.10 एवं 0.01 डिसमिल) की खतियानी जमीन भी है, जिस पर वह वर्षों से काबिज हैं. लेकिन, हाल ही में संजय सोनी और शिवनंदन सोनी नामक दो व्यक्तियों ने उनकी अनुपस्थिति में उनकी खतियानी जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण कार्य शुरू कर दिया. जबकि इस जमीन पर सीआरपीसी की धारा 144 और बीएनएस की धारा 163 लागू है, बावजूद इसके, पहले वहां खुदाई की गई, फिर दूसरी मंजिल की ढलाई भी पूरी कर ली गई और अब प्लास्टर का काम भी जारी है.
शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
मालती चौधरी का कहना है कि उन्होंने इस अवैध कब्जे की जानकारी थाना प्रभारी, सर्किल ऑफिसर (सीओ), अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) और उपायुक्त (डीसी) तक को दी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने लातेहार एससी/एसटी थाना में एफआईआर (एफआईआर संख्या – 6/2024) भी दर्ज कराई, फिर भी आरोपियों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई.
सीएनटी एक्ट का उल्लंघन
झारखंड में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट), 1908 के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति की जमीन गैर-अनुसूचित जाति के लोगों को बेची या हस्तांतरित नहीं की जा सकती. लेकिन, आरोप है कि संजय सोनी और शिवनंदन सोनी इस कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.
महिला को मिल रही धमकियां
मालती चौधरी का आरोप है कि संजय सोनी और शिवनंदन सोनी द्वारा गवाहों को धमकाया जा रहा है कि वे अपने बयान से पीछे हट जाएं, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसके अलावा, मालती चौधरी को भी डराया-धमकाया जा रहा है ताकि वे अपनी जमीन पर दावा छोड़ दें.
स्वास्थ्य खराब, बेटा रोज़गार के लिए बाहर
मालती चौधरी का कहना है कि वे वृद्ध हैं और स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता. उनका बेटा रोजगार के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता है, जिसका फायदा उठाकर अवैध कब्जाधारियों ने उनकी जमीन हड़पने की कोशिश की.
प्रशासन से न्याय की गुहार
मालती चौधरी का कहना है कि जब भी वे सर्किल ऑफिसर, एसडीएम या डीसी कार्यालय जाती हैं, तो उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जाता. उन्हें यह कहकर टरका दिया जाता है कि “यह जमीन आपकी नहीं है.
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि –
• अवैध कब्जाधारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
• सीएनटी एक्ट के तहत अनुसूचित जाति की जमीन की रक्षा की जाए.
• एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई न करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की जाए.
• उन्हें और उनके गवाहों को सुरक्षा दी जाए.
मालती चौधरी का संदेश
“मैं एक विधवा महिला हूं, उम्रदराज़ हूं, कानून का सम्मान करती हूं. लेकिन मेरी ज़मीन पर जबरन कब्ज़ा हो रहा है और प्रशासन मेरी सुनवाई नहीं कर रहा. मुझे इंसाफ़ चाहिए”.