झारखंड कैडर के 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में सीआरपीएफ में आइजी (एडमिन) के पद पर तैनात एमएस भाटिया जनवरी 2025 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटने वाले हैं. राज्य सरकार ने पहले ही उन्हें एडीजी रैंक पर प्रोफार्मा प्रोन्नति दी थी. अब, उनके लौटने के बाद उन्हें डीजी (डायरेक्टर जनरल) रैंक में प्रोन्नति दी जानी है.
डीजी पदों पर होगी रिक्तियां
राज्य में जनवरी 2025 तक डीजी के तीन पद रिक्त होने वाले हैं. 1989 बैच के अजय कुमार सिंह, 1992 बैच के आरके मल्लिक और 1993 बैच के मुरारी लाल मीणा सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इन रिक्तियों को भरने के लिए आईपीएस अधिकारियों को डीजी रैंक में प्रोन्नति दी जाएगी. इसके लिए 30 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
कौन-कौन अधिकारी हैं प्रोन्नति के दावेदार?
एमएस भाटिया के अलावा 1994 बैच की तदाशा मिश्रा और 1994 बैच के ही संपत मीणा भी डीजी पद के लिए दावेदार माने जा रहे हैं. संपत मीणा फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और उनकी वापसी की भी संभावना है.
एमएस भाटिया का कार्यकाल और उपलब्धियां
एमएस भाटिया झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली आईपीएस अधिकारी हैं. उनके पास प्रशासनिक और ऑपरेशनल दोनों तरह की जिम्मेदारियों का लंबा अनुभव है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले उन्होंने झारखंड में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था.
डीजी के रिक्त पदों पर कब होगा निर्णय?
राज्य में जनवरी के बाद डीजी के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. राज्य सरकार और पुलिस विभाग इस संबंध में विचार-विमर्श कर रहे हैं. डीजी रैंक के अधिकारियों के चयन में उनके कार्यकाल, अनुभव और प्रोन्नति नियमों को ध्यान में रखा जाएगा.
महिला अधिकारियों की संभावित प्रोन्नति
1994 बैच की तदाशा मिश्रा और संपत मीणा, जो डीजी रैंक में प्रोन्नति की कतार में हैं, महिला अधिकारियों के रूप में एक मजबूत संदेश देती हैं. यदि इन्हें डीजी रैंक मिलता है, तो झारखंड पुलिस में महिला नेतृत्व को और मजबूती मिलेगी.
प्रोन्नति प्रक्रिया और प्रभाव
झारखंड में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की प्रोन्नति का यह समय पुलिस विभाग में नई ऊर्जा लाने का काम करेगा. डीजी स्तर पर नए अधिकारियों की नियुक्ति से न केवल प्रशासनिक ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में भी सुधार होगा.