रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन गोड्डा जिले में पावर प्लांट के लिए अडाणी समूह को दी गई जमीन का मुद्दा गरमाया। इस पर सदन में तीखी बहस देखने को मिली। मामला गंभीर मानते हुए भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) के तहत ऐसी जमीनों की बिक्री नहीं की जा सकती। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए झारखंड के मुख्य सचिव (सीएस) की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने की घोषणा की।
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नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर इस मुद्दे को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें उपसमाहर्ता रैंक के अधिकारियों को शामिल किया गया है। बाबूलाल ने मांग की कि इस कमेटी में कानून के जानकारों और जनप्रतिनिधियों को भी स्थान दिया जाना चाहिए।
शर्तों के उल्लंघन का आरोप
विधानसभा सदस्य प्रदीप यादव ने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा कि क्या इस भू-अर्जन में तय शर्तों का उल्लंघन किया गया है? क्या अडाणी समूह को विशेष लाभ पहुंचाया गया है? क्या एसपीटी अधिनियम और ऊर्जा नीति का उल्लंघन हुआ है? उन्होंने सरकार से इन सवालों पर स्थिति साफ करने की मांग की।
सरकार की प्रतिक्रिया
भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरूआ ने सदन को आश्वस्त किया कि मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जाएगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और इस मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठा रहा है। आने वाले दिनों में इस जांच कमेटी की रिपोर्ट और सरकार की आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।