झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन आज 2,698.14 करोड़ रुपये की तीसरी अनुपूरक बजट मांग सदन में पेश की गयी। राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वित्त वर्ष 2021-22 की कुल 2,698.14 करोड़ रुपये की तीसरी अनुपूरक बजट मांग विधानसभा के समक्ष अनुमति के लिए रखी। इसके बाद इस अनुपूरक बजट मांग पर रखे गए कटौती प्रस्ताव पर सदन ने चार घंटे की बहस निर्धारित की गई। बता दें की विधानसभा का बजट सत्र गत 25 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुआ था। बृहस्पतिवार को विधानसभा में राज्य सरकार वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेगी। 25 मार्च को गैर-सरकारी संकल्पों के साथ बजट सत्र संपन्न होगा।
इससे पहले सदन की कार्रवाई जैसे ही प्रारंभ हुई। भाजपा के विधायकों ने सदन के अंदर खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। वह बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने की मांग कर रहे थे।स्पीकर ने कहा कि सुनवाई चल रही है। जल्द निर्णय हो जाएगा। नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल आरंभ किया गया। अपनी मांगों को लेकर भाजपा विधायक आसन के सामने आ गए। कहा कि स्पीकर इतने गंभीर मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। स्पीकर के समझाने पर वह अपनी सीट पर लौट कर नारेबाजी करने लगे।
इधर झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व ही तीन विधायक अपनी-अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठ गए। गोमिया के आजसू विधायक लंबोदर महतो 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति की मांग को लेकर धरने पर बैठे, वहीं कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण एवं विस्थापन आयोग की मांग को लेकर जबकि भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का पद देने की मांग को लेकर धरने पर बैठे। निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर धरने पर बैठीं। उन्होंने नौका दुर्घटना में मारे गए लोगों के लिए 10 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।