झारखंड बजट 2025: मंईयां सम्मान योजना के लिए 13,363.35 करोड़ रुपए का प्रावधान……

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) के तहत 13,363.35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है और इसी कड़ी में यह योजना राज्य में महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है.

झारखंड बजट 2025 की बड़ी घोषणाएं

सोमवार, 3 मार्च 2025, को झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना राज्य में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय योजना बन चुकी है. इस योजना का उद्देश्य 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि हेमंत सोरेन सरकार महिलाओं को सशक्त और समर्थ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, सामाजिक रूप से सशक्त और मानसिक रूप से जागरूक बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है. सरकार का मानना है कि यदि राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, तो झारखंड और अधिक मजबूत और विकसित राज्य बनेगा.

क्या है मंईयां सम्मान योजना?

झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) हेमंत सोरेन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो झारखंड की 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है. इस योजना के तहत प्रत्येक महिला को हर महीने 2500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. इससे महिलाओं को अपने छोटे-मोटे खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और वे अपनी जरूरतें खुद पूरी कर सकती हैं.

हेमंत सोरेन सरकार का महिला सशक्तिकरण पर जोर

हेमंत सोरेन सरकार महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार कदम उठा रही है. इस योजना के माध्यम से झारखंड की लाखों महिलाओं को आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया जा रहा है. सरकार का मानना है कि यदि महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो वे अपने परिवार और समाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी. इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से इतनी सहायता दी जाए कि वे अपने व्यवसाय शुरू कर सकें, शिक्षा प्राप्त कर सकें या अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में योगदान दे सकें. झारखंड सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि योजना का लाभ सभी योग्य महिलाओं तक पहुंचे और वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें.

बजट में मंईयां सम्मान योजना के लिए 13,363.35 करोड़ रुपए का प्रावधान

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने इस योजना के लिए 13,363.35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. यह राशि राज्य की महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्च की जाएगी. इस बजट से लाखों महिलाओं को फायदा मिलेगा और वे अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकेंगी. इस योजना को झारखंड सरकार की एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे महिलाओं के बैंक खातों में आर्थिक सहायता प्रदान करता है. इससे उन्हें किसी भी प्रकार की आर्थिक तंगी से उबरने में मदद मिलती है और वे अपने स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और अन्य आवश्यक जरूरतों को पूरा कर सकती हैं.

झारखंड सरकार की अन्य महिला सशक्तिकरण योजनाएं

झारखंड सरकार केवल मंईयां सम्मान योजना तक सीमित नहीं है, बल्कि उसने महिलाओं के उत्थान के लिए कई अन्य योजनाएं भी शुरू की हैं. इनमें सखी मंडल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना, उज्ज्वला योजना और महिला स्वयं सहायता समूह जैसी योजनाएं शामिल हैं. इन सभी योजनाओं का मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाना है.

योजना का लाभ कैसे उठाएं?

यदि कोई महिला इस योजना का लाभ लेना चाहती है, तो उसे झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी सरकारी कार्यालय में जाकर आवेदन करना होगा आवेदन करने के लिए महिला को आधार कार्ड, बैंक खाता, निवास प्रमाण पत्र और उम्र का प्रमाण पत्र जमा करना होगा. इसके बाद सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनकी पात्रता की जांच की जाएगी और योग्य महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे.

महिलाओं को मिल रही है बड़ी राहत

झारखंड में इस योजना से लाखों महिलाओं को आर्थिक राहत मिल रही है. यह राशि कई महिलाओं के लिए एक स्थायी आय स्रोत बन गई है, जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं और अपने बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान दे रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना से अब तक 10 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं और सरकार का लक्ष्य इस संख्या को और अधिक बढ़ाना है. महिलाओं ने भी इस योजना की सराहना की है और इसे अपने जीवन में बदलाव लाने वाला कदम बताया है.

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