झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर दिया है. सोमवार, 3 मार्च 2025 को राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने विधानसभा में बजट पेश किया. इस बार बजट में राज्य के औद्योगिक विकास, तसर रेशम उत्पादन और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को मजबूती देने पर विशेष फोकस किया गया है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि तसर रेशम उत्पादन के मामले में झारखंड देशभर में शीर्ष स्थान पर है। इसे और बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं. साथ ही, एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 486 करोड़, 31 लाख, 61 हजार रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है.
तसर रेशम उत्पादन में झारखंड नंबर वन
वित्त मंत्री ने बताया कि तसर रेशम उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड ने देशभर में पहली पोजीशन हासिल की है. राज्य के कई जिलों में तसर रेशम का उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाता है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. बजट में तसर रेशम उद्योग से जुड़े किसानों, कारीगरों और उद्यमियों को सपोर्ट देने के लिए कई योजनाओं का प्रावधान किया गया है, ताकि उत्पादन क्षमता बढ़े और लोगों की आय में इजाफा हो सके.
एमएसएमई के लिए 486 करोड़ रुपये का बजट
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने के लिए 486 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी. इस राशि का इस्तेमाल उद्योगों के विस्तार, नई तकनीक, प्रशिक्षण, और कच्चे माल की आपूर्ति जैसी जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा. साथ ही, छोटे उद्योगों के लिए एक अलग एमएसएमई निदेशालय या सेल बनाने की योजना भी है, ताकि उद्यमियों को एक ही जगह पर सभी सुविधाएं मिल सकें. इसके संचालन के लिए सरकार ने झारखंड एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2023 को लागू किया है.
औद्योगिक विकास के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
बजट में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है और यहां औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं. सरकार लगातार ऐसी नीतियां बना रही है, जिससे राज्य में पूंजी निवेश बढ़े और स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक मौके मिलें. ग्रामीण इलाकों तक इसका फायदा पहुंचे, इसके लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं.
20 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 15 हजार नौकरियों की उम्मीद
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार की विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत आने वाले वर्षों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है. इस निवेश से राज्य में करीब 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार नए औद्योगिक इकाइयों को अनुदान और सब्सिडी देने की योजना पर भी काम कर रही है.
सिंगल विंडो सिस्टम से निवेशकों को सहूलियत
राज्य में निवेशकों को बेहतर सुविधा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और मजबूत किया जा रहा है. इसके तहत निवेशकों को ऑनलाइन आवेदन, जरूरी दस्तावेज और अनुमति जैसे कामों की सुविधा दी जा रही है. तय समयसीमा में उद्योग शुरू करने के लिए जरूरी क्लियरेंस भी इसी सिस्टम के तहत दिए जा रहे हैं. इसके प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है.
सात औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का विकास
बजट में बताया गया कि आने वाले साल में झारखंड के सात औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाएगा. इसमें बोकारो, गिरिडीह, सिंदरी, आदित्यपुर, जसीडीह और देवीपुर जैसे औद्योगिक इलाके शामिल हैं. इन क्षेत्रों में बेहतर सड़क, बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी, ताकि यहां काम कर रहे उद्यमियों को किसी तरह की दिक्कत न हो और नए उद्योग लगाने के लिए माहौल बन सके. कुल मिलाकर झारखंड बजट 2025 राज्य के औद्योगिक विकास, तसर रेशम उत्पादन, एमएसएमई सेक्टर के विस्तार और युवाओं को रोजगार देने के लिए कई बड़े ऐलान लेकर आया है. सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से आने वाले वर्षों में झारखंड देश के विकसित औद्योगिक राज्यों में शामिल हो सकेगा.