झारखंड सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 3 मार्च को पेश करेगी, जबकि 28 फरवरी को चालू वित्तीय वर्ष का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बजट को “अबुआ बजट” का नाम दिया है. बजट की तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए मंत्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ चर्चा की गई. इस दौरान कृषि, सिंचाई, वन पर्यावरण, ग्रामीण विकास, आजीविका मिशन, उद्योग, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के सुझावों को शामिल करने का प्रयास किया गया.
मंत्रियों और विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
गुरुवार को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बजट पूर्व संगोष्ठी में बताया कि इस बजट का मुख्य उद्देश्य किसानों और गरीबों की खुशहाली सुनिश्चित करना है. राज्य के हर वर्ग, जाति, और धर्म के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं. इस प्रक्रिया में आम जनता से भी परामर्श लिया गया है ताकि उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझा जा सके. विशेषज्ञों ने कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, पर्यटन, उद्योग, और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुझाव दिए. इनमें से कई सुझावों को आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास होगा. विशेषज्ञों ने झारखंड के जल संसाधनों के संरक्षण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, और युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही.
झारखंड के विकास के लिए योजनाएं
• जल संरक्षण:
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सतही जल के संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में भारी मात्रा में वर्षा जल नदियों और नालों के जरिए बह जाता है. इस जल को संरक्षित कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा.
• ग्रामीण अर्थव्यवस्था:
ग्रामीण विकास के लिए रूरल इकोनॉमी को प्राथमिकता देने पर चर्चा हुई. विशेषज्ञ धीरज दानियाल होरो ने बताया कि ग्रामीण उत्पादों का मूल्य संवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) पर जोर दिया जाना चाहिए. इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी.
• युवाओं के लिए कौशल विकास:
शैलेंद्र कुमार ने सुझाव दिया कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को बजट में शामिल किया जाए. यह पहल राज्य के बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाने में सहायक होगी.
• नगर विकास और यातायात:
झारखंड के शहरी क्षेत्रों के लिए सटीक योजनाएं बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया. इसमें यातायात, पार्किंग, और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता बताई गई.
राजस्व बढ़ाने और मॉनिटरिंग की जरूरत
वित्त मंत्री ने कहा कि यह झारखंड का 25वां बजट होगा और इसे लागू करने के दौरान कई चुनौतियां सामने आएंगी. उन्होंने कहा कि बजट में शामिल योजनाओं की मॉनिटरिंग करना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे धरातल पर सही तरीके से लागू हो रही हैं. इसके साथ ही, राजस्व बढ़ाने के उपायों पर भी जोर दिया गया.
किसानों और गरीबों पर विशेष ध्यान
सरकार का मानना है कि इस बजट में झारखंड के जंगलों, किसानों, और गरीब लोगों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. किसानों के लिए कृषि आधारित योजनाओं और सिंचाई सुविधाओं में सुधार लाने की योजना है. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका मिशन के तहत रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा गया है.
आगामी बजट से उम्मीदें
झारखंड का बजट 2025 “अबुआ बजट” के रूप में जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके तहत झारखंड के हर तबके के हितों का ख्याल रखा जाएगा.